गरियाबंद में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रूचि रूपरेला, और डॉ. बी.बारा द्वारा गर्भवती माताओं की जांच की
गरियाबंद में माता सुरक्षित तो बच्चा सुरक्षित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम है, गरियाबंद जिले में प्रत्येक माह के 9 व 24 तारीख को चिन्हांकित स्वास्थ्य संस्थाओं में आयोजित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं में उच्च जोखिम वाले लक्षणों की पहचान कर विशेषज्ञ व प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रबंधन सुनिश्चित करना है। उच्च जोखिम की श्रेणी में आने वाली गर्भवती महिलाओं की समय रहते पहचान व समुचित स्वास्थ्य देखभाल व प्रबंधन से मातृ मृत्यु के अनुपात को कम किया जा सकता है।
संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें छत्तीसगढ़ तथा कलेक्टर गरियाबंद बी.एस.उईके के दिशा-निर्देश तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गॉर्गी यदु पाल के मार्गदर्शन में जिला अस्पताल सहित जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल अस्पताल, और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस आज 24 मई 2025 को आयोजित किया गया। जहां मितानिनों एवं ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों द्वारा लाये गये चिन्हांकित सभी उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की जांच परामर्श व उपचार विशेषज्ञ चिकित्सकों और स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा किया गया।
https://khabarbharat36.com/rajim-mla-rohit-sahus-public-public-program-on-every-monday-and-friday/
गर्भवती महिलाओं में उच्च जोखिम के अंतर्गत प्रमुख लक्षण उच्च रक्तचाप, मधुमेह, सिकलसेल, एचआईवी, एवं टी.बी जैसे गंभीर बीमारी से ग्रसित हो, 18 वर्ष से कम या 35 वर्ष से अधिक आयु हो, उंचाई 4 फीट 10 इंच से कम हो, पूर्व में गर्भपात अथवा मृत बच्चा पैदा हुआ हो, 4 या अधिक प्रसव हुआ हो, पूर्व गर्भवस्था के दौरान झटके आना, पूर्व प्रसव में 12 घंटे से अधिक समय लगा हो, पूर्व प्रसव ऑपरेशन से हुआ हो, गर्भ में बच्चा आड़ा, उल्टा, या जुड़वा बच्चे हो, खून की कमी या एनिमिया प्रमुख जोखिम के लक्षण है। जिसका गर्भावस्था के दौरान जांच, उचित परामर्श, निदान और उपचार से प्रसव के समय माता की सुरक्षित प्रसव होने से माता व बच्चा दोनों सुरक्षित रहेंगे।
जिला चिकित्सालय गरियाबंद में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रूचि रूपरेला, और डॉ. बी.बारा द्वारा गर्भवती माताओं की जांच की गई। जिले के चिन्हांकित निजी सोनोग्राफी केन्द्रों में भी गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क जांच की गई। राज्य स्तर से अधिकारियों और डेवलपमेंट पार्टनर के प्रतिनिधियों द्वारा इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की निगरानी और निरीक्षण किया गया जिसमें गरियाबंद जिले में डॉ. उरया नाग प्रतिनिधि, डॉ. रणवीर सिंह बघेल, राज्य सलाहकार (एन.एच.एम.) द्वारा जिला अस्पताल गरियाबंद के ओपीडी, चिकित्सक कक्ष, सोनोग्राफी कक्ष, पैथोलॉजी लैब में निरीक्षण कर तथा गर्भवती महिलाओं एवं मितानिनों से चर्चा कर इस अभियान के संबंध में जानकारी ली गई। साथ ही जिला स्तर पर गठित टीम द्वारा भी स्वास्थ्य संस्थाओं में जाकर पीएमएसएमए दिवस पर अभियान का निरीक्षण किया गया।
इस दौरान जिला चिकित्सालय गरियाबंद में सीएमएचओ डॉ. गॉर्गी यदु पाल, प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. टी.सी.पात्रे, डॉ. हरीश चौहान, डॉ. लक्ष्मीकांत जांगड़े, आर.एम.एन.सी.एच.ए. सलाहकार डॉ. योगेन्द्र सिंह, अस्पताल सलाहकार डॉ. शंकर पटेल, पर्यवेक्षक के.के. कृषाणु, विकासखंड मितानिन कार्यक्रम समन्वयक भागवत ध्रुव सहित अस्पताल के स्टॉफ और मितानिनों की सहयोग एवं उपस्थिति रही।