डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के धार्मिक नगरी डोंगरगढ़ ब्लॉक से वन्यजीव तस्करी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वन विभाग की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए वन ग्राम खोलारघाट से हिरण का शिकार कर उसका मांस तस्करी करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जे. डिनायल, नीलू फ्रांसिस, विशाल नंदेश्वर और विश्वनाथ के रूप में हुई है। बीती रात गुप्त जानकारी मिलने पर विभाग की टीम ने आरोपियों का पीछा किया। पकड़े जाने के डर से आरोपियों ने हिरण का मांस एक ग्रामीण के घर में फेंकने की कोशिश की, लेकिन सतर्कता बरतते हुए टीम ने उन्हें मौके पर ही पकड़ लिया। विभाग ने हिरण का मांस और परिवहन में प्रयुक्त बाइक जब्त कर ली। हिरण का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।
CG ट्रांसफर न्यूज़: वन विभाग में बड़ा फेरबदल, कई CCF और वन संरक्षक बदले गए
वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह पूरा नेटवर्क सिर्फ इन चार आरोपियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इस अवैध कारोबार में शहर के कुछ रसूखदार और प्रभावशाली लोगों की भी संलिप्तता हो सकती है।
विभागीय कलह ने बढ़ाए सवाल
इसी मामले की जांच के बीच आज सुबह एसडीओ फॉरेस्ट कार्यालय में दो वनकर्मी आपस में भिड़ गए। विभागीय सूत्रों के अनुसार विवाद कार्यप्रणाली और खानापूर्ति को लेकर हुआ। ऐसे संवेदनशील मामले में विभागीय कलह ने कार्रवाई की गंभीरता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कई बड़े नामों का हो सकता है पर्दाफाश
डोंगरगढ़ वन विभाग की यह कार्रवाई निश्चित रूप से बड़ी सफलता मानी जा रही है, लेकिन अब सबसे अहम सवाल यह है कि क्या विभाग असली सरगनाओं तक भी पहुंचेगा, जो परदे के पीछे से इस पूरे नेटवर्क को चला रहे हैं? विश्वसनीय सूत्रों का दावा है कि अगर जांच निष्पक्ष और दबावमुक्त होकर आगे बढ़ी तो आने वाले दिनों में इस गिरोह से जुड़े कई बड़े नामों का पर्दाफाश हो सकता है।



