गरियाबंद जिले के विकासखंड छुरा अंतर्गत ग्राम फूलबाहरा के ग्रामीणों ने शासकीय भूमि पर वर्षों से चले आ रहे कथित अवैध कब्जे को हटाने की मांग को लेकर मंगलवार को छुरा तहसील कार्यालय में तहसीलदार गैंदलाल साहू को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ग्राम की चारागाह के लिए आरक्षित भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाए, ताकि पशुपालकों को राहत मिल सके।
फूलबाहरा स्थित लगभग 2.89 हेक्टेयर शासकीय भूमि
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम फूलबाहरा स्थित लगभग 2.89 हेक्टेयर शासकीय भूमि, जिसे ग्राम पंचायत द्वारा चारागाह (चरागाह) भूमि के रूप में निर्धारित किया गया है, उस पर श्रवण कुमार गोंड, निवासी दादरगांव (नया) द्वारा लंबे समय से अवैध कब्जा किया गया है। ग्रामीणों के अनुसार उक्त भूमि पर निजी उपयोग किया जा रहा है, जिससे गांव के पशुपालकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पशुपालन मुख्य आजीविका का साधन है, लेकिन चारागाह भूमि पर कब्जा होने के कारण मवेशियों के चरने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इससे पशुपालकों को अपने पशुओं को दूर-दराज के क्षेत्रों में ले जाना पड़ रहा है, जिससे समय और संसाधनों की अतिरिक्त परेशानी हो रही है।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि संबंधित व्यक्ति श्रवण कुमार गोंड के पास ग्राम फूलबाहरा में पहले से ही लगभग 2.50 एकड़ निजी लगानी भूमि थी, जिसे उन्होंने वर्तमान में किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया है। इसके बावजूद ग्राम की शासकीय चारागाह भूमि पर वर्षों से कब्जा बनाए हुए हैं। ग्रामीणों ने कई बार आपसी समझाइश के माध्यम से भूमि खाली कराने का प्रयास किया, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल सका।
ग्रामीणों ने जानकारी दी कि इस मामले को लेकर लगभग चार माह पूर्व गरियाबंद कलेक्टर के जनदर्शन कार्यक्रम में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी। साथ ही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) छुरा को भी ज्ञापन सौंपा गया था। बावजूद इसके, अब तक न तो स्थल निरीक्षण किया गया है और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई हुई है, जिससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति असंतोष बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही शासकीय भूमि से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे आंदोलन करने के लिए विवश होंगे, जिसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रशासन की होगी।
इस संबंध में जब तहसीलदार गैंदलाल साहू से चर्चा की गई, तो उन्होंने कहा कि “मामले की जांच कराई जाएगी और जांच के उपरांत नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस शिकायत पर कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है और ग्राम फूलबाहरा के ग्रामीणों को शासकीय चारागाह भूमि से जुड़ी समस्या से कब तक राहत मिल पाती है।
इसे भी पढ़ें….




