धार्मिक ग्रंथों और वास्तु शास्त्र दोनों में कुछ विशेष पौधों का उल्लेख मिलता है, जिन्हें घर में लगाना बेहद शुभ माना गया है। इन पौधों से न केवल वास्तु दोष दूर होता है, बल्कि देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है और घर में दरिद्रता प्रवेश नहीं कर पाती।
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भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को केवल पर्यावरण शुद्ध करने वाला माध्यम नहीं, बल्कि शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। धार्मिक ग्रंथों और वास्तु शास्त्र दोनों में कुछ विशेष पौधों का उल्लेख मिलता है, जिन्हें घर में लगाना बेहद शुभ माना गया है। इन पौधों से न केवल वास्तु दोष दूर होता है, बल्कि देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है और घर में दरिद्रता प्रवेश नहीं कर पाती। आइए जानते हैं ऐसे पांच पवित्र पौधों के बारे में।
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1. तुलसी का पौधा
तुलसी को देवी लक्ष्मी का प्रतीक और भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि जिस घर में तुलसी होती है, वहां यमदूत नहीं आते और लक्ष्मी जी का वास बना रहता है।
वास्तु के अनुसार: तुलसी का पौधा घर की पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। इसे प्रतिदिन जल देने और दीपक जलाने से वातावरण शुद्ध रहता है और घर में पवित्रता बनी रहती है।
2. आंवले का पौधा
धार्मिक दृष्टि से आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का निवास माना गया है। आंवला नवमी पर इसकी पूजा करने से विशेष पुण्य मिलता है।
वास्तु के अनुसार: इस पौधे को घर की उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना शुभ होता है। यह पौधा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और स्वास्थ्य के साथ-साथ समृद्धि भी प्रदान करता है।
3. श्वेत अपराजिता
सफेद अपराजिता देवी लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय मानी जाती है। इसकी पुष्पों से पूजा करने से लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
वास्तु अनुसार: इस पौधे को मुख्य द्वार के पास या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। यह नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर सौभाग्य बढ़ाता है।
4. बांस का पौधा
बांस का पौधा शुभता, वृद्धि और दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है। यह पौधा फेंगशुई के साथ-साथ भारतीय वास्तु में भी समृद्धि देने वाला माना गया है।
वास्तु अनुसार: इसे घर की पूर्व दिशा या लिविंग रूम में रखा जाना चाहिए। यह तेजी से बढ़ने वाला पौधा जीवन में उन्नति और आर्थिक लाभ देता है।
5. चंपा या चंपक का पौधा
चंपा के फूलों का प्रयोग भगवान शिव और विष्णु की पूजा में किया जाता है। इसकी सुगंध वातावरण को पवित्र बनाती है और मानसिक शांति प्रदान करती है।
वास्तु अनुसार: इस पौधे को दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाना श्रेष्ठ माना गया है। यह नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है और घर में शुभता बनाए रखता है।