नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान मध्यस्थता का दावा करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक बार फिर किरकिरी हुई है। यूरेशिया ग्रुप के प्रेसिडेंट इयान ब्रेमर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुख की सराहना करते हुए इसे एक साहसिक और निर्णायक कदम बताया है।
निलंबित अधिकारी Soumya Chaurasia की 16 संपत्तियां अटैच करने की अनुमति मांगी, कोर्ट में हुई सुनवाई
ब्रेमर ने कहा कि ट्रंप हमेशा यही मानते हैं कि उनकी शक्ति और पद के चलते सभी देश उनकी बात मानेंगे, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा, “चीन और रूस जैसे देश पहले भी ट्रंप के सामने खड़े हुए हैं, लेकिन भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर पीएम मोदी ने जिस तरह से स्पष्ट और सख्त संदेश दिया, वह अलग और साहसी कदम था।”
उन्होंने आगे कहा कि मोदी चाहें तो ट्रंप को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा होने से बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि इस मामले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। ब्रेमर के मुताबिक, वैश्विक मंच पर मोदी के इस रुख ने ट्रंप की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए और उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।