महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर सबसे ऊपर है। पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर के काफी मामले सामने आ चुके हैं। ब्रेस्ट कैंसर होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। जिसमें कई बार महिलाओं को उसका अंदाजा भी नहीं होता है। रिपोर्ट्स में ये बात सामने आ चुकी है कि महिलाओं में उम्र बढ़ना ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को भी बढ़ाता है। 50 साल के बाद महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम काफी बढ़ जाता है। आइये जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर के छुपे हुए कारण क्या है जिनसे महिलाएं कई बार अनजान रहती हैं।
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सीडीसी (CDC) की रिपोर्ट की मानें तो महिलाओं में बढ़ती उम्र के अलावा कई कारण ब्रेस्ट कैंसर के खतरो को बढ़ा सकते हैं। जिसके बारे में आपको जागरुक होना बहुत जरूरी है। क्योंकि इससे आप ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के छुपे हुए कारण क्या है?
बढ़ती उम्र- ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादातर मामले बढ़ती उम्र यानि 40-50 साल की उम्र में सामने आते हैं। उम्र बढ़ने के साथ स्तन कैंसर का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। इसलिए नियमित टेस्ट जरूर करवाते रहें।
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आनुवंशिक कारण- कुछ जीनों में वंशानुगत परिवर्तन होना जैसे BRCA1 और BRCA2 ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
पीरियड जल्दी और मोनोपॉज लेट आना- जिन महिलाओं को 12 साल की उम्र से पहले पीरियड्स शुरू हो जाते हैं और मोनोपॉज 55 साल के बाद आता है उन्हें लंबे समय तक हार्मोन परिवर्तन के गुजरना पड़ता है। जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
ब्रेस्ट का साइज- जिन महिलाओं के ब्रेस्ट का साइज डेंस होता है कई बार मैमोग्राम कराने पर भी उनका ट्यूमर नहीं दिखता है। जिसकी वजह से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
मेडिकल कंडीशन- अगर आपको ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है तो दोबारा होने के खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं कुछ दूसरी बीमारियां जैसे कि एटिपिकल डक्टल हाइपरप्लासिया या लोबुलर कार्सिनोमा इन सिटू स्तन कैंसर होने के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
फैमिली हिस्ट्री- अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तो आपको होने का खतरा भी बढ़ जाता है। जैसे अगर आपकी मां, बहन या बेटी या परिवार में किसी को कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तो आपके लिए भी खतरा बढ़ जाता है।
रेडिएशन थेरेपी- अगर आपने 30 साल की उम्र से पहले किसी तरह की रेडिएशन थेरेपी ली है तो इससे भी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
अन्य कारण- जो महिलाएं फिजिकली एक्टिव नहीं रहती है। मोनोपॉज के बाद जिनका वजन बढ़ जाता है उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है। इसके अलावा हार्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरेपी लेने से या फिर ज्यादा शराब पीने से भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ब्रेस्ट फीड नहीं कराने और 30 साल के बाद प्रेगनेंसी भी ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है।
आनुवंशिक कारण- कुछ जीनों में वंशानुगत परिवर्तन होना जैसे BRCA1 और BRCA2 ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
पीरियड जल्दी और मोनोपॉज लेट आना- जिन महिलाओं को 12 साल की उम्र से पहले पीरियड्स शुरू हो जाते हैं और मोनोपॉज 55 साल के बाद आता है उन्हें लंबे समय तक हार्मोन परिवर्तन के गुजरना पड़ता है। जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
ब्रेस्ट का साइज- जिन महिलाओं के ब्रेस्ट का साइज डेंस होता है कई बार मैमोग्राम कराने पर भी उनका ट्यूमर नहीं दिखता है। जिसकी वजह से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
मेडिकल कंडीशन- अगर आपको ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है तो दोबारा होने के खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं कुछ दूसरी बीमारियां जैसे कि एटिपिकल डक्टल हाइपरप्लासिया या लोबुलर कार्सिनोमा इन सिटू स्तन कैंसर होने के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
फैमिली हिस्ट्री- अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तो आपको होने का खतरा भी बढ़ जाता है। जैसे अगर आपकी मां, बहन या बेटी या परिवार में किसी को कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तो आपके लिए भी खतरा बढ़ जाता है।
रेडिएशन थेरेपी- अगर आपने 30 साल की उम्र से पहले किसी तरह की रेडिएशन थेरेपी ली है तो इससे भी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
अन्य कारण- जो महिलाएं फिजिकली एक्टिव नहीं रहती है। मोनोपॉज के बाद जिनका वजन बढ़ जाता है उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है। इसके अलावा हार्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरेपी लेने से या फिर ज्यादा शराब पीने से भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ब्रेस्ट फीड नहीं कराने और 30 साल के बाद प्रेगनेंसी भी ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है।