गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के प्रसिद्ध लेकिन खतरनाक गजपल्ला जलप्रपात में रविवार को हुआ एक दर्दनाक हादसा, 21 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सोमवार दोपहर 1:45 बजे एक दुखद मोड़ पर खत्म हुआ। रायपुर की रहने वाली 22 वर्षीय महविश खान का शव वाटरफॉल के नीचे गुफा नुमा सुरंग से बरामद किया गया।
गजपल्ला जलप्रपात दर्दनाक हादसे का 21 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन
महविश रविवार शाम करीब 5 बजे अपने दोस्तों—चार युवतियों और दो युवकों के साथ पिकनिक मनाने गरियाबंद जिले के गजपल्ला जलप्रपात पहुंची थी, लेकिन अचानक रहस्यमयी ढंग से पानी में डूबकर लापता हो गई। घटना के बाद मौके पर SDRF, गरियाबंद पुलिस, वन अमला, और नगर सेना की संयुक्त टीमों ने एक बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें 23 से ज्यादा जवान जुटे रहे।
रेस्क्यू के दौरान यह सामने आया कि जलप्रपात के नीचे दो गहरे सुरंगनुमा रास्ते हैं, जिनकी गहराई लगभग 30 से 40 फीट है। पानी का बहाव और लगातार बारिश की वजह से सर्च में भारी बाधाएं आईं। SDRF के अंडरवाटर कैमरे भी 10 फीट से नीचे जाकर काम करना बंद कर दे रहे थे। गोताखोर भी सुरंग की गहराई में नहीं जा पा रहे थे। मौके पर मधुमक्खियों के झुंड की मौजूदगी ने खतरा और बढ़ा दिया था।
स्थानीय प्रशासन ने पहले ही इस स्थान को पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया था, लेकिन बावजूद इसके पर्यटक अलग-अलग रास्तों से यहां पहुंच जाते हैं। करीब 80 फीट ऊंची पहाड़ी पर चढ़ाई और उतराई की चुनौती भी रेस्क्यू टीम के लिए कठिन बनी रही।
महविश के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि युवती अचानक पानी के बहाव में खिंच गई और फिर दिखाई नहीं दी। हादसे के बाद से ही पूरा गरियाबंद जिला स्तब्ध है।