तेजी से बढ़ रही टेक्नोलॉजी और नए-नए टूल्स आने के बाद से अब किसी भी भाषा को समझना और लिखना आसान हो गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अब आप किसी भी भाषा में आसानी से कुछ लिख सकते हैं। Facebook, Instagram, X और Google जैसे प्लेटफॉर्म पर आपको मल्टीपल लैंग्वेज में ट्रांसलेशन का ऑप्शन मिलता है। हालांकि, इन प्लेटफॉर्म पर मौजूद ऑटो-ट्रांसलेशन की विश्वसनीयता कितनी है, वो अभी भी सवालों के दायरे में है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऑटो ट्रांसलेशन टूल्स का इस्तेमाल करते समय अगर आपने सावधानी नहीं बरती तो यहां की गई बातें कभी-कभी बतंगड़ भी बन सकती है।
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क्या है ताजा मामला?
इसका सबसे ताजा उदाहरण कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से जुड़ा मामला रहा है। दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Meta के ऑटो-ट्रांसलेशन टूल द्वारा की गई एक गड़बड़ी की वजह से मार्क जुकरबर्ग की कंपनी को माफी मांगनी पड़ी है। कर्नाटक सीएम ऑफिस से एक्ट्रेस बी. सरोजा देवी की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए मेटा के प्लेटफॉर्म Facebook और Instagram पर एक शोक संदेश कन्नड़ भाषा में पोस्ट किया गया। मेटा के ऑटो ट्रांसलेशन फीचर ने इस पोस्ट का अंग्रेजी में गलत अनुवाद कर दिया और बताया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया नहीं रहे।
इस ऑटो ट्रांसलेशन फीचर की गलती से सीएम ऑफिस नाराज हो गया और उसने मेटा को इस गलती के बारे में बताया। इसके बाद मेटा ने ट्रांसलेशन से जुड़ी इस गलती पर माफी मांग ली। हालांकि, कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा कि मेटा प्लेटफॉर्म पर कन्नड़ भाषा का गलत ट्रांसलेशन बेहद चिंताजनक है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बेहद जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। साथ ही, यूजर्स को इससे सावधान रहने के लिए भी कहा है।
ऑटो ट्रांसलेशन यूज करते समय न करें ये गलती
अगर, आप भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऑटो-ट्रांसलेशन टूल का इस्तेमाल करते हैं तो ये हमेशा ध्यान रखें कि ये टूल हमेशा सही नहीं होते हैं और कभी-कभी ये गलत अनुवाद कर सकते हैं। खास तौर पर मुहावरे और लोकोक्ति आदि का ट्रांसलेशन करने में इन्हें काफी दिक्कत आती है और बात का बतंगड़ बन जाता है।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऑटो-ट्रांसलेशन टूल यूज करते समय उसके द्वारा अनुवाद किए गए टेक्स्ट को दोबारा पढ़ें और फैक्ट्स को क्रॉस वेरिफाई कर लें।
- ट्रांसलेशन में यूज किए गए पैराग्राफ में कम से कम मुहावरे या इनफॉर्मल लैंग्वेज का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से इन टूल्स को सटीक ट्रांसलेशन करने में दिक्कत आती है।
- र्ड-टू-वर्ड ट्रांसलेशन को हमेशा क्रॉस वेरिफाई कर लें और यह समझने की कोशिश करें कि टूल द्वारा ट्रांसलेट की गई हर लाइन का कॉन्टेक्स्ट यानी भाव सही है या नहीं। कई बार आप कहना कुछ चाहते हैं और ये टूल्स उसका भाव समझे बिना कुछ और ही अनुवाद कर देते हैं।
- हमेशा अपने पोस्ट में साधारण भाषा का इस्तेमाल करें क्योंकि उसे ट्रांसलेट करना आसान होता है, जिसकी वजह से गलतियों की गुंजाइस भी कम होती हैं।
- जरूरी दस्तावेजों का ट्रांसलेशन करने के लिए इन टूल्स का इस्तेमाल कम से कम करें। अगर, टूल यूज करना पड़ता है तो अलग-अलग टूल्स का इस्तेमाल करके कॉन्टैक्स्ट को समझने की कोशिश करें।
इन सावधानियों को बरतने से आपके द्वारा सोशल मीडिया पर ऑटो-ट्रांसलेशन फीचर के इस्तेमाल से किए पोस्ट का भाव नहीं बदलेगा और बात का बतंगड़ नहीं बनेगा।