Supreme Court Order नई दिल्ली। देशभर में आवारा कुत्तों से जुड़ी लगातार हो रही घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट (SC) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ढुलमुल रवैये पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कई राज्यों ने अब तक हलफनामा (Affidavit) दाखिल नहीं किया है, जिससे ऐसा लग रहा है कि “सभी मुख्य सचिव सो रहे हैं।”
मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से होना होगा पेश, 3 नवंबर की तारीख
न्यायालय ने यह देखते हुए कि अगस्त में दिए गए आदेशों का पालन नहीं हुआ है, सभी डिफॉल्टिंग राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को कोर्ट में शारीरिक रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वे वर्चुअल पेशी की अनुमति नहीं देंगे, बल्कि मुख्य सचिवों को आकर स्पष्टीकरण देना होगा कि उन्होंने हलफनामा क्यों दाखिल नहीं किया।
देश की छवि खराब हो रही है, कोर्ट ने जताई चिंता
सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने इस गंभीर मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने टिप्पणी की कि आवारा कुत्तों से जुड़ी लगातार खबरें विदेशों में ‘देश की छवि खराब’ कर रही हैं। बेंच ने कहा कि वे समाचार रिपोर्टें पढ़ रहे हैं, और इस लापरवाही को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
केवल 3 राज्यों ने किया अनुपालन, बाकी सभी डिफॉल्ट
कोर्ट ने पाया कि अब तक केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली MCD (नगर निगम) ने ही अनुपालन संबंधी हलफनामे दाखिल किए हैं। बाकी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने दायित्वों का पालन नहीं किया है। यहां तक कि दिल्ली सरकार ने भी हलफनामा नहीं दिया, जिसके कारण दिल्ली के मुख्य सचिव को भी पेश होने का निर्देश दिया गया है।
मनुष्यों के प्रति क्रूरता पर भी SC ने उठाया सवाल
जब एक वकील ने कुत्तों के प्रति क्रूरता का मुद्दा उठाया, तो बेंच ने कड़ा पलटवार करते हुए पूछा, “मनुष्यों के प्रति क्रूरता के बारे में क्या?” यह टिप्पणी दर्शाती है कि कोर्ट जन सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि यदि अगली सुनवाई पर मुख्य सचिव उपस्थित नहीं होते हैं तो उन पर जुर्माना (Cost) लगाया जा सकता है।

 







