
रायपुर : सांसद बृजमोहन अग्रवाल के पिता रामजीलाल अग्रवाल पंचतत्व में विलीन हुए। छत्तीसगढ़ की राजधानी में अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर वर्तमान काल तक जिन-जिन व्यक्तित्वों को सामाजिक सफलता का प्रतीक माना गया उनमें आदर्श उदाहरण रहे- श्री रामजीलाल अग्रवाल। जीवन पर्यंत जिन्होंने पीड़ित मानवता के कल्याण की अपनी राह नहीं छोड़ी। टीबा बसाई झुंझनू , [ राजस्थान ] से आकर छत्तीसगढ़ के रायपुर में रच बस गए और इस माटी के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया। आज 96 वें वर्ष उन्होंने अपनी सांसारिक यात्रा पूर्ण कर मोक्ष की यात्रा अंगीकार कर ली।
ऋषि तुल्य गौ साधक रामजीलालजी ने जितना जीवन जीया वह केवल अग्रवाल सभा के लिए ही नहीं, अन्य समाजों के लिए भी प्रेरक बना रहा। एक व्यक्ति अपने जीवन में परिवार सहित समाज के कल्याण की खातिर किस हद तक सोच सकता है वे इसका अतुलनीय उदाहरण थे। सही मायनों में अनथक कर्म योगी।
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान उन्हें वरिष्ठ समाजसेवी, गौसेवक के रूप में पहचानता था। अग्रवाल समाज के राष्ट्रीय संरक्षक तो वे थे ही। इन सबके पहले एक विशाल कुटुम्ब को संभालने वाले आदर्श परिवार के मुखिया भी थे। श्रीमती सावित्री देवी अग्रवाल, गोपालकृष्ण अग्रवाल, राजधानी के सांसद एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री मध्यप्रदेश – छत्तीसगढ़ बृजमोहन अग्रवाल, विजय अग्रवाल, योगेश अग्रवाल, यशवंत अग्रवाल के वे पिता और श्री विष्णु अग्रवाल के बड़े भाई, पूरनलाल अग्रवाल, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, कैलाश अग्रवाल, अशोक अग्रवाल के चाचा, एवं देवेंद्र अग्रवाल, गणेश अग्रवाल के ताऊजी थे।