छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत चलाए जा रहे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत 7 से 11 जुलाई 2025 तक एक विशेष आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य बालिकाओं को न केवल शारीरिक रूप से सशक्त बनाना था, बल्कि मानसिक आत्मबल और आत्मनिर्भरता की भावना भी जगाना था।
बेटी बचाओ प्रशिक्षण का उद्देश्य और महत्व:
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का उद्देश्य बालिकाओं को विपरीत परिस्थितियों में स्वयं की सुरक्षा करना सिखाना था। आज के दौर में आत्मरक्षा एक जरूरी जीवन कौशल बन चुका है, विशेषकर बालिकाओं के लिए जो विभिन्न सामाजिक और व्यक्तिगत चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
प्रशिक्षण स्थल और सहभागी विद्यालय:
इस 5 दिवसीय कार्यक्रम को जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पाण्डेय के मार्गदर्शन में संचालित किया गया। प्रशिक्षण निम्नलिखित स्कूलों में आयोजित हुआ:
- शासकीय हाई स्कूल सढ़ौली
- शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पीपरछेड़ी
- शासकीय कन्या हाई स्कूल मैनपुर
- शासकीय हाई स्कूल नहरगांव
- शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गरियाबंद
प्रशिक्षक और आत्मरक्षा तकनीक:
प्रशिक्षण का संचालन ताइक्वांडो मास्टर ट्रेनर सुश्री किरण मरकाम द्वारा किया गया। उन्होंने बालिकाओं को आत्मरक्षा के विभिन्न तकनीकी पहलुओं से परिचित कराया, जिनमें शामिल थे:
- मुक्केबाज़ी और किकिंग तकनीक
- हाथ झटकाना और पकड़ से छूटने की विधि
- मानसिक मजबूती और साहसिक निर्णय
- नज़दीकी खतरों की पहचान और उनसे निपटना
सशक्तिकरण और आत्मविश्वास पर जोर:
शारीरिक प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रशिक्षकों ने बालिकाओं के आत्मविश्वास को भी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया। उन्हें यह बताया गया कि आत्मरक्षा सिर्फ लड़ाई नहीं, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक शक्ति है जो लड़कियों को अपने अधिकारों के प्रति सजग और आत्मनिर्भर बनाती है।
मिशन शक्ति एवं अन्य योजनाओं की जानकारी:
कार्यक्रम के दौरान जिला मिशन समन्वयक सुश्री मनीषा वर्मा द्वारा छात्राओं को मिशन शक्ति और अन्य महिला सशक्तिकरण योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। इनमें प्रमुख रूप से निम्न योजनाओं पर प्रकाश डाला गया:
- वन स्टॉप सेंटर
- नवा बिहान पुनर्वास योजना
- वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम
- लैंगिक समानता के अधिकार
विशिष्ट अतिथियों और सहयोगियों की भूमिका कार्यक्रम में विभिन्न विभागों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया:
- श्रीमती लता पटेल (संरक्षण अधिकारी, नवा बिहान)
- सुश्री निशा नेताम (पैरालीगल कार्मिक, सखी सेंटर)
- श्रीमती अर्चना सिंह (वित्तीय साक्षरता विशेषज्ञ)
- सुश्री शोभा मरकाम
- श्रीमती श्वेता शुक्ला (कार्यालय सहायक)
स्कूलों के प्राचार्य, शिक्षकगण और छात्राएं इन सभी ने मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
परिणाम और प्रभाव:
प्रशिक्षण के बाद बालिकाओं में आत्मविश्वास की वृद्धि स्पष्ट रूप से देखी गई। अब वे ना केवल अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक हैं, बल्कि अन्य सहेलियों को भी प्रेरित कर रही हैं।
समाज में संदेश:
यह कार्यक्रम समाज को यह संदेश देता है कि बेटी सिर्फ पढ़े ही नहीं, बल्कि अपने हक़ और सुरक्षा के लिए खड़ी भी हो। यह पहल अन्य जिलों और राज्यों के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ का गरियाबंद जिले का यह आत्मरक्षा प्रशिक्षण अभियान महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब बालिकाएं आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी होंगी, तभी हम एक सशक्त समाज की कल्पना कर सकते हैं।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
Q1. आत्मरक्षा प्रशिक्षण कब और कहां आयोजित हुआ? 7 से 11 जुलाई 2025 तक गरियाबंद के 5 शासकीय स्कूलों में।
Q2. प्रशिक्षण किसके द्वारा दिया गया? ताइक्वांडो मास्टर ट्रेनर सुश्री किरण मरकाम द्वारा।
Q3. प्रशिक्षण का उद्देश्य क्या था? किशोरी बालिकाओं को विपरीत परिस्थितियों में आत्मरक्षा के लिए तैयार करना।
Q4. क्या इस कार्यक्रम में अन्य योजनाओं की जानकारी भी दी गई? हां, मिशन शक्ति और अन्य सशक्तिकरण योजनाओं की जानकारी दी गई।