अब तक इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चलाने के लिए लिथियम आयन (Li-ion), लिथियम फॉस्फेट (LFP) या लेड एसिड (Lead Acid) से बनी बैटरियों का इस्तेमाल होता है। एक ओर बैटरियों के लिए लिथियम का खनन करना काफी महंगा है, तो दूसरी ओर यह पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचा रहा है। लेकिन अब जमाना तेजी से बदल रहा है और अब नमक से इलेक्ट्रिक वाहनों को दौड़ाने की तैयारी चल रही है।
जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। दरअसल, चीन बड़ी संख्या में ऐसी इलेक्ट्रिक स्कूटरों की टेस्टिंग कर रहा है जिनकी बैटरियों को समुद्र के पानी से निकाने जाने वाले नमक से तैयार किया गया है। इस इलेक्ट्रिक स्कूटरों में सोडियम सॉल्ट (Sodium Salt) ले बनी बैटरियों का इस्तेमाल किया गया है जिनकी कीमत तकरीबन 30-51 हजार रुपये के बीच है। यानी इनकी कीमत पेट्रोल और मौजूदी ईवी स्कूटरों से भी कम है।
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बस 15 मिनट में हो जाएगा चार्ज
सोडियम सॉल्ट से बनी बैटरियों की सबसे खास बात ये है कि इन्हें 0 से 80% तक चार्ज होने में केवल 15 मिनट लगते हैं। चीन में जनवरी 2025 में सोडियम से चलने वाले कई इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च किए गए थे, जिन्हें चलाकर लोग टेस्ट भी कर रहे हैं। सोडियम बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटरों के लिए बैटरी स्वैपिंग स्टेशन भी तैयार किए जा रहे हैं, ताकि स्वैप कर चार्जिंग के समय से बचा जा सके।
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गेम चेंजर बन सकती है टेक्नोलॉजी
चीन की सोडियम बैटरी टेक्नोलॉजी ईवी इंडस्ट्री में गेम चेंजर साबित हो सकती है। यह लिथियम बैटरी का किफायती और टिकाऊ समाधान प्रदान कर सकता है। लिथिम का खनन जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, वहीं सोडियम बैटरियों को तैयायर करने के लिए नमक समुद्रों में भर पड़ा है। यह लिथियम बैटरियों का ईको-फ्रेंडली समाधान भी है।
भारत में कब आएंगे ऐसे स्कूटर?
भारत में फिलहाल इस तरह की टेक्नोलॉजी पर काम नहीं चल रहा है, लेकिन आने वाले समय में इन बैटरियों पर भी रिसर्च और डेवलपमेंट शुरू हो सकता है। उम्मीद है कि यदि इस तरह की टेक्नोलॉजी देश में ही विकसित कर ली गई तो बैटरियों को बनाना सस्ता हो जाएगा, जिससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत कम होगी और इसका अंतिम फायदा आम जनता तक किफायती इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में पहुंचेगा।