गरियाबंद। जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति, जिला गरियाबंद द्वारा शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण निर्धारित तिथि 01 जून 2025 से 3 जून 2025 में करने हेतु नियत किया गया था। जिसके पूर्व ही शालाओं के युक्तियुक्तकरण के समस्त प्रपत्र सभी विकासखण्ड से प्राप्त हो गए थे, जिसमें विकासखण्ड अधिकारी शिक्षा छुरा द्वारा मनमाने ढंग से परिशिष्ट 5 (ब) में अधिक दूरी वाली शाला का नाम उल्लेख कर विलोपन हेतु प्रस्तुत किया गया था जिसे जिला स्तरीय समिति द्वारा संशोधन कर संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग रायपुर एवं संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय को प्रस्तुत किया गया । तत्पश्चात शिक्षकों की दर्ज संख्या एवं निर्धारित सेटअप के अनुसार अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण हेतु विकासखंड शिक्षा अधिकारी छुरा के द्वारा 15 मई 2025 तक चिन्हांकित किया जाना था और 20 मई 2025 तक अतिशेष शिक्षकों एवं रिक्त पदों की सूची जिला स्तरीय समिति को प्रस्तुत किया जाना था जिसे विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी छुरा द्वारा विलंब से 30 मई 2025 को प्रस्तुत किया गया। जिला स्तरीय समिति द्वारा उक्त सूची के परीक्षण में यह पाया गया कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी छुरा के द्वारा शिक्षकों के परस्पर वरिष्ठता क्रम को छुपाते हुए सूची का निर्माण किया गया, साथ ही हाई एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षक एवं नियमित व्याख्याता की गणना करते अतिथि शिक्षकों की मूल कार्यरत संस्था का ध्यान नही रखा गया। जिसके कारण 01 जून 2025 से काउंसिलिंग की प्रक्रिया के
दौरान निम्नांकित अव्यवस्थाएं उत्पन्न हुई :-
प्राथमिक शाला टिकरापारा रानीपरतेवा तथा प्राथमिक शाला सतनामीपारा रानीपरतेवा का युक्तियुक्तकरण होने के कारण श्रीमती कुंज दीवान, प्रधानपाठक एवं श्रीमती राधिका साहू, प्रधानपाठक के बीच कनिष्ठ अतिशेष की गणना की जानी थी। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी छुरा द्वारा श्रीमती कुंज दीवान प्रधान पाठक को कनिष्ठ बताते हुए अतिशेष की श्रेणी में चिन्हांकित कर कांउसिलिंग में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था। तदानुसार संबंधित प्रधानपाठक का युक्तियुक्तकरण किया गया तत्पश्चात संबंधित प्रधानपाठक द्वारा जिला स्तरीय समिति को आवेदन प्रस्तुत किया गया। परीक्षण के दौरान दोनों प्रधानपाठकों की कार्यभार ग्रहण तिथि एक ही पाई गई। परन्तु विकासखंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा चिन्हांकन करते समय जन्मतिथि का अवलोकन नहीं किया गया था, जिसके कारण श्रीमती कुंज दीवान, वरिष्ठ होते हुए भी काउसिंलिंग में उपस्थित हुई। विकासखंड शिक्षा अधिकारी छुरा की उक्त लापरवाही के कारण काउंसिलिंग में अशांति का माहौल हो गया था।
माध्यमिक शाला सांकरा, विकासखण्ड छुरा में 05 शिक्षक कार्यरत होते हुए भी विकासखंड शिक्षा अधिकारी छुरा के द्वारा सेटअप के अनुसार अतिशेष नही माना गया। जिसके कारण काउंसिलिंग की प्रक्रिया में अव्यवस्था हुई और अंततः जिला स्तरीय समिति के द्वारा परीक्षण किया जाने पर संबंधित शाला के कनिष्ठ शिक्षक राजु लाल साहू, शिक्षक एल. थी. शासकीय पूर्व प्राथमिक शाला सांकरा को अतिशेष श्रेणी में गणना कर कांउसलिंग हेतु अलग से सूचित करना पड़ा।
इसी तरह विकासखण्ड छुरा के हाई स्कूल सेम्हरा, हाई स्कूल घटकर्रा, हायर सेकेण्डरी विद्यालय पंक्तिया में अध्यापन हेतु संलग्न अतिथि शिक्षक की गणना उनके मूल संस्था में न करते हुए अध्यापन हेतु संलग्न संस्था में किया जिसके कारण व्याख्याता एल.बी. श्रीमती एकता साहू व्याख्याता (अंग्रेजी). हाई स्कूल सांकरा, श्रीमती मनीषा साहू, व्याख्याता (जीव विज्ञान), हाई स्कूल घटकर्रा, गुलशन बांधे, व्याख्याता (अंग्रेजी) हायर सेकेण्डरी विद्यालय पंक्तिया को अतिशेष मानकर विकासखंड शिक्षा अधिकारी छुरा द्वारा जिला स्तरीय समिति में प्रस्तुत किया गया था। परीक्षण के दौरान जिला स्तरीय समिति को विकासखंड शिक्षा अधिकारी छुरा द्वारा धोखे में रखकर संबंधित को दिनांक 02 जून 2025 को कांउसिलिंग हेतु बुलाया गया। काउंसिलिग के दौरान संबंधित शिक्षकों द्वारा आवेदन देकर जिला स्तरीय समिति को अवगत कराया गया। जिसमें परीक्षण किये जाने पर नियुक्ति आदेश निरस्त करना पड़ा। जिसके चलते जिला प्रशासन की छवि धूमिल हुई और शासन की मंशा के विरूद्ध युक्तियुक्तकरण की पूरी प्रक्रिया बाधित हुई।
हायर सेकेण्डरी विद्यालय पेण्ड्रा विकासखण्ड छुरा में वाणिज्य संकाय संचालित है, जिसमें विकासखंड शिक्षा अधिकारी छुरा के द्वारा यह जानकारी दी गई हैं कि वहां वाणिज्य संकाय संचालित नही है तथा कार्यरत श्रीमती मधु वर्मा, व्याख्याता (वाणिज्य) को अतिशेष शिक्षक मानकर जिला स्तरीय समिति को जानकारी प्रस्तुत की गई। संबंधित शिक्षक द्वारा जानकारी सहित जिला स्तरीय समिति कों आवेदन देकर अवगत कराया गया कि संबंधित संस्था में वाणिज्य संकाय संचालित है।
उपरोक्त तथ्यों के अनुशीलन से यह प्रकट होता हैं कि के.एल. मतावले, विकासखंड शिक्षा अधिकारी छुरा, (मूलपद-प्राचार्य) द्वारा शासन के मंशा की विरूद्ध कार्य करते हुये युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में मनमाने ढंग से लीपा-पोती का प्रयास किया एवं अपने मंसूबों को साधने के लिए जिला स्तरीय समिति के समक्ष बार-बार गलत जानकारी प्रस्तुत की गई।
उपरोक्तानुसार इनके द्वारा शासकीय नियमों/निर्देशों की पूर्ण अवहेलना किया जाकर अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरती गई हैं, जो कि छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-03 (सामान्य) के उपनियम (1) (एक) (दो) (तीन) सत्यनिष्ठा (Integrity) और कर्तव्य परायणता (Devotion to duty) के और शासन हितो के सर्वथा विपरीत हैं।
अतः के. एल. मतावले, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी छुरा (मूलपद-प्राचार्य) के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही / निलंबन एवं विभागीय जॉच हेतु प्रस्ताव आपकी ओर सादर प्रेषित हैं।