Naxalite surrender रायपुर | 17 अक्टूबर 2025| बस्तर में आज़ादी के बाद का अब तक का सबसे बड़ा नक्सली आत्मसमर्पण दर्ज किया गया, जिसमें कुल 208 माओवादी, जिनमें 110 महिला नक्सली शामिल थीं, ने हथियार डाल दिए। इस ऐतिहासिक घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाला नाम ताक्कलपल्ली वासुदेव राव उर्फ रूपेश का सामने आया — जिसे माओवादी संगठन में ‘बम निर्माता’ के नाम से जाना जाता था।
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आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पर हमले का मास्टरमाइंड
59 वर्षीय रूपेश, जो कि तेलंगाना के मुगुलु गांव का निवासी है, माओवादियों के शीर्ष रणनीतिकारों में गिना जाता रहा है। वह 2 दिसंबर 2000 को आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू पर हुए जानलेवा हमले की साजिशकर्ता रहा है। इसके अलावा, उस पर 1999 में तत्कालीन गृह मंत्री ए. माधव रेड्डी और युवा आईपीएस अधिकारी उमेश चंद्रा की हत्या में भी शामिल होने का संदेह है।
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माओवादी संगठन का केंद्रीय चेहरा बनने से पहले आत्मसमर्पण
छत्तीसगढ़ पुलिस सूत्रों के अनुसार, रूपेश को माओवादी संगठन की केंद्रीय समिति में पदोन्नत किया गया था, लेकिन इससे पहले कि वह पद ग्रहण करता, उसने हथियार डालने का फैसला कर लिया। वह अबूझमाड़ क्षेत्र से सक्रिय था, जिसे माओवादी गतिविधियों का गढ़ माना जाता है।