गरियाबंद। प्रदेशभर में आदिवासी क्षेत्रों में हो रहे धर्मांतरण पर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने सख्त रुख अपनाया है। इसी क्रम में गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक के टोनहीडबरी गांव में चंगाई सभा की आड़ में चल रहे कथित धर्मांतरण का मामला सामने आया है, जिसे विहिप कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों के सहयोग से रोका।
धर्मांतरण पर विहिप सख्त, गरियाबंद में बनी निगरानी समिति
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव के एक युवक ने विहिप कार्यकर्ताओं को सूचना दी थी कि बीते एक वर्ष से गांव में प्रार्थना सभाएं आयोजित की जा रही हैं, जो अब चंगाई सभा के रूप में बड़े आयोजन में बदल चुकी हैं। बाहरी लोगों की बड़ी संख्या में आवाजाही और उनके द्वारा आदिवासी संस्कृति पर प्रत्यक्ष-परोक्ष प्रहार की आशंका जताई गई। इस पर विहिप छुरा प्रखंड ने सतर्कता बरतते हुए गांव में सक्रियता दिखाई और स्थानीय समिति के सहयोग से तीन चरणों में बैठकें कर ग्रामीणों को जागरूक किया।
ग्रामसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर अवैध चंगाई सभा पर रोक लगाने का निर्णय लिया। सभा में सक्रिय रहे शेषनारायण ठाकुर को ग्रामीणों ने समझाइश दी, मगर उन्होंने ग्रामसभा के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इसके बाद विहिप जिला गरियाबंद द्वारा उक्त प्रस्ताव को संलग्न कर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में विहिप ने स्पष्ट किया है कि जिले में चल रही अवैध चंगाई सभाएं और धर्मांतरण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संगठन ने आरोप लगाया कि भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर और पैसों का लालच देकर मतांतरित किया जा रहा है। पहले समझाइश देने की रणनीति अपनाई गई थी, लेकिन अब विहिप ने सख्त रुख अपनाते हुए इन गतिविधियों को जड़ से खत्म करने का निर्णय लिया है।
साथ ही विहिप ने ‘घर वापसी’ अभियान को भी तेज करने का ऐलान किया है, जिसके तहत लोभ-लालच में आकर मतांतरित हुए लोगों को पुनः अपने मूल धर्म में लौटने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए जिले के हर प्रखंड में 7 से 10 कार्यकर्ताओं की एक विशेष निगरानी समिति गठित की गई है, जो केवल धर्मांतरण के मामलों पर नजर रखेगी।
विहिप की निगरानी समिति में शामिल प्रमुख कार्यकर्ता:
प्रकाश निर्मलकर, भोला प्रसाद पांडे, मेषनंदन पांडे, रामशरण पुरैना, पोषण सिन्हा, मनोज पटेल, लोकेश वैष्णव।
धर्मांतरण को लेकर विहिप की यह सक्रियता अब गरियाबंद समेत आसपास के आदिवासी क्षेत्रों में नई बहस और प्रशासनिक हलचल को जन्म दे सकती है। वहीं प्रशासन की अगली कार्रवाई पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं।