गाज़ा में इजरायली हमले के चलते तहस-नहस हो चुके इलाके में भूख मौत पर भारी पड़ रही है। लोगों को हमले से अधिक दर्द अब उनकी भूख दे रही है। इजरायल और अमेरिका ने मिलकर एक सहायता केंद्र शुरू किया है, जहां लोगों को भोजन बांटा जाता है। मगर सहायता केंद्र की ओर जाने वालों पर पिछले कई दिनों से लगातार गोलियां बरसाई जा रही हैं। इसमें गत 72 घंटों में 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। इस सहायता केंद्र पर जाने वाले लोग अगर गोलियों से बच गए तो ही भोजन मिलेगा, नहीं तो उनके हिस्से में मौत आती है।
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सहायता केंद्र पर इजरायल ने फिर बरसाई गोलियां
सोमवार को गाजा पट्टी के दक्षिणी हिस्से में तड़के इज़रायली सेना फिर सहायता केंद्र सो कुछ दूर पर जबरदस्त गोलीबारी की। इस घटना में कम से कम तीन फिलीस्तीनियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब लोग एक किलोमीटर दूर स्थित सहायता वितरण केंद्र की ओर जा रहे थे। स्वास्थ्य अधिकारियों और चश्मदीदों ने बताया कि गोलीबारी उसी स्थान पर हुई जहां एक दिन पहले भी इज़रायली सैनिकों ने सहायता के इंतजार में जुटी भीड़ पर गोली चलाई थी। यह केंद्र ‘गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसे इज़राइल और अमेरिका का समर्थन प्राप्त है।
सहायता केंद्र जा रहे लोगों को इजरायल क्यों मार रहा?
सवाल ये है कि इजरायली सेना जब खुद ही एक फाउंडेशन के जरिये भोजन वितरण केंद्र चला रही तो फिर सहायता केंद्र जाने वाले लोगों को वह क्यों मार रही है?…इस पर इज़रायली सेना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सैनिकों की ओर बढ़ रहे “संदिग्धों” पर चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाई गईं, क्योंकि वे खतरा उत्पन्न कर रहे थे। सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि घटना के समय सहायता केंद्र बंद था और वह लोगों को वहां पहुंचने से रोक नहीं रही थी।
जबालिया के आवासीय शिविर पर हमले में 14 मौतें
इस बीच, गाज़ा के उत्तर में जबालिया शरणार्थी शिविर में एक आवासीय इमारत पर भी इज़रायली सेना ने हवाई हमले किए। इस हमले में 14 लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे। शिफा और अल-अहली अस्पतालों ने पुष्टि की कि मारे गए लोगों में पांच महिलाएं और सात बच्चे शामिल हैं। इज़रायली सेना ने कहा कि उसने “उत्तरी गाज़ा में आतंकी ठिकानों” को निशाना बनाया है, हालांकि उसने हमले के लक्ष्यों के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया। सेना का दावा है कि वह केवल चरमपंथी तत्वों को निशाना बनाती है और आम नागरिकों को नुकसान से बचने का प्रयास करती है।
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वेस्ट बैंक में भी झड़प, एक किशोर की मौत
सोमवार को एक और घटना में वेस्ट बैंक के सिंजिल गांव में 14 वर्षीय एक फिलीस्तीनी लड़के की इज़रायली गोलीबारी में मौत हो गई। इज़रायली सेना के मुताबिक, सैनिकों ने उस व्यक्ति पर गोली चलाई जिसने उन पर “खतरनाक पदार्थ से भरी दो बोतलें” फेंकी थीं। इसके बाद उसकी मौत हो गई।