उड़ीसा के डीजीपी के समक्ष 22 नक्सलियों का ऐतिहासिक आत्मसमर्पण, इन नक्सलियों पर कुल 40 लाख रुपये का इनाम घोषित था, जिनमें एक दंपति भी शामिल है जिन पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति का लाभ और प्रोत्साहन राशि दी जाएगी
उड़ीसा के डीजीपी के समक्ष 22 नक्सलियों का ऐतिहासिक आत्मसमर्पण,
सुकमा जिले के सीमा से सटे उड़ीसा क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान को एक बड़ी सफलता मिली है। उड़ीसा के मल्कानगिरी जिला मुख्यालय में 22 नक्सलियों ने उड़ीसा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। इसे सुरक्षा एजेंसियां नक्सल नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका मान रही हैं।आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में अधिकांश केरलापाल एरिया कमेटी से जुड़े बताए जा रहे हैं। इनमें दोरनापाल LOS के कई कमांडर भी शामिल हैं, जिनकी गतिविधियां सुकमा, केरलापाल और जगरगुंडा क्षेत्रों में सक्रिय थीं। जानकारी के अनुसार आत्मसमर्पण करने वालों में केरलापाल, जगरगुंडा एरिया कमेटी एवं प्लाटून-26 से जुड़े 19 नक्सली और आंध्र–उड़ीसा बॉर्डर स्पेशल ज़ोनल कमेटी के 3 नक्सली
शामिल हैं। इस प्रकार कुल 22 नक्सलियों ने मल्कानगिरी में आत्मसमर्पण किया।आत्मसमर्पण के दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को
एक, AK-47, दो INSAS राइफल , एक SLR सहित कुल 9 हथियार, भारी मात्रा में गोला-बारूद एवं अन्य नक्सली सामग्री भी सौंपी है।
लगातार चल रही सुरक्षा बलों की प्रभावी कार्रवाई, बढ़ते दबाव और सरकार की पुनर्वास व आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर इन नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि यह आत्मसमर्पण सुकमा, केरलापाल, जगरगुंडा और सीमावर्ती इलाकों में नक्सली गतिविधियों पर निर्णायक प्रभाव डालेगा और क्षेत्र में शांति बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।




