बिलासपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG-PSC) भर्ती मामले में मंगलवार (14 अक्टूबर) को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि चयनित उम्मीदवारों को अब तक नियुक्ति आदेश नहीं देना और जांच अधूरी रखना गंभीर लापरवाही है।
डिवीजन बेंच के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु ने राज्य सरकार से पूछा कि जब परीक्षा नियंत्रक तक को गिरफ्तार कर लिया गया है, तब भी जांच अधूरी क्यों है? कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 37 चयनित उम्मीदवारों को अब तक नियुक्ति आदेश क्यों नहीं जारी किए गए और उन्हें अनिश्चितता में क्यों रखा जा रहा है।
सरकार की ओर से यह दलील दी गई कि अंतिम समय में पेपर लीक का मामला सामने आया था। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि अगर ऐसा है तो परीक्षा पर पुनर्विचार किया जाए, लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं होती, उम्मीदवारों को लटकाए रखना उचित नहीं है।
सीबीआई ने सुनवाई के दौरान बताया कि 17 उम्मीदवारों की भूमिका की जांच चल रही है, जबकि अन्य आरोपियों पर अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि रिपोर्ट में 41 नाम थे, लेकिन अब सिर्फ 17 पर जांच हो रही है, बाकी के मामलों का क्या हुआ?
डिवीजन बेंच ने इस पूरे मामले से जुड़ी सभी अपीलों को एक साथ सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं और राज्य सरकार से विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट तलब की है।