Hidma Death Controversy, रायपुर। नक्सल कमांडर हिड़मा की मौत को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। नक्सल संगठन ने अभय के नाम से एक विस्तृत पत्र जारी करते हुए पुलिस के आधिकारिक बयान को पूरी तरह खारिज कर दिया है। नक्सलियों ने दावा किया है कि हिड़मा किसी मुठभेड़ में नहीं मारा गया, बल्कि उसे बीमार अवस्था में पकड़ा गया और बाद में हत्या कर दी गई।
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इलाज के लिए विजयवाड़ा गया था हिड़मा— नक्सल संगठन का दावा
पत्र में नक्सलियों ने कहा है कि हिड़मा लंबे समय से बीमार था और अपना इलाज कराने विजयवाड़ा गया हुआ था। संगठन के अनुसार, उसकी गतिविधियों की जानकारी लीक हो गई, जिसके बाद 15 नवंबर को पुलिस ने उसे गुप्त रूप से पकड़ लिया।
नक्सल संगठन का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद आंध्र प्रदेश पुलिस हिड़मा को अल्लुरी सीतारामा राजू जिले के मरेडुमल्ली क्षेत्र में ले गई और 18 नवंबर को उसकी हत्या कर दी गई।
पत्नी राजे सहित छह लोगों की हत्या का आरोप
पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि हिड़मा के साथ उसकी पत्नी राजे समेत कुल 6 लोगों की हत्या की गई। संगठन का दावा है कि पुलिस ने इसे एनकाउंटर बताकर “झूठी कहानी” गढ़ी है।
19 नवंबर के एनकाउंटर को भी बताया फर्जी
नक्सलियों ने 19 नवंबर को हुई मुठभेड़ में 7 नक्सलियों के मारे जाने की घटना पर भी सवाल उठाए और इसे “फर्जी” करार दिया है। पत्र में दावा किया गया है कि पुलिस अपनी उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने और नक्सल नेतृत्व को कमजोर करने के लिए गलत कथाएं प्रसारित कर रही है।
23 नवंबर को देशव्यापी प्रतिरोध दिवस की घोषणा
अभय के नाम से जारी इस पत्र में नक्सल संगठन ने कहा है कि हिड़मा को “खलनायक” के रूप में दिखाया जा रहा है और उसके खिलाफ “झूठा प्रचार” किया जा रहा है। इसी के विरोध में संगठन ने 23 नवंबर को देशव्यापी प्रतिरोध दिवस मनाने की घोषणा की है।
पुलिस का आधिकारिक बयान अब तक नहीं
पत्र के सामने आने के बाद राज्य और केंद्र सुरक्षा एजेंसियों में हलचल बढ़ गई है। हालांकि, इस ताजा आरोप पर पुलिस की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
हिड़मा पिछले कई वर्षों से सुरक्षा बलों के खिलाफ बड़े हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता रहा है, जिसके चलते उसकी मौत देशभर में चर्चाओं का विषय बनी हुई है। नक्सल संगठन के नए दावे से घटना को लेकर और अधिक सवाल खड़े हो गए हैं।



