जगदलपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने मांदर में बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकार की संवेदनशील पहल बस्तर जिले में पिछले सप्ताह हुई अतिवृष्टि ने जहाँ एक ओर जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं बाढ़ के कारण लोहंडीगुड़ा तहसील के मांदर में लोगों ने भीषण आपदा का सामना किया है।
इस स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नेतृत्व में एक संवेदनशील पहल कर त्वरित राहत कार्य की मिसाल पेश की है। बाढ़ के कारण हुए नुकसान से जूझ रहे लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा तत्काल सहायता और मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे बाढ़ पीड़ित परिवारों को एक बड़ी राहत मिली है।
बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकार की संवेदनशील पहल तत्परता से मदद और मुआवजा
बाढ़ से प्रभावित गाँवों में राहत दल तेजी से काम कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रभावित गांवों में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रभावित किसानों को किसान किताब वितरित की जा रही है, जो बाढ़ के कारण बह गई थी। किसान किताब के मिलने से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और भविष्य में किसी भी सहायता के लिए पात्र बनने में मदद करेगी। वहीं प्रभावितों को नवीन राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड एवं बैंक पासबुक तैयार कर प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही जिला प्रशासन की टीमें नुकसान का आकलन करने के लिए घर-घर सर्वे कर रही हैं और पात्रता के अनुसार तत्काल राहत राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर कर भुगतान कर रही हैं।
सरकार का ध्यान इस बात पर है कि किसी भी बाढ़ पीड़ित परिवार को उनकी जरूरत के समय अकेला न छोड़ा जाए। इसके लिए, मकान क्षति सहित पशु, फसल और घरेलू सामग्री की क्षति का विस्तृत ब्यौरा तैयार कर, हर एक प्रकरण पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है, ताकि जरूरतमंद प्रभावितों तक मुआवजा राशि सीधे और समय पर पहुँच सके।
स्थानीय प्रभावित परिवारों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। एक प्रभावित ग्रामीण मुरहा पटेल ने कहा, हमने सोचा था कि बाढ़ के बाद सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन सरकार की इस त्वरित मदद ने हमें फिर से जीवन को नये सिरे से शुरू करने की उम्मीद दी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार कलेक्टर हरिस एस के मार्गदर्शन में किए जा रहे इस पहल को प्रशासन की ओर से एक मजबूत और मानवीय दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है। जो यह दर्शाता है कि आपदा की घड़ी में सरकार न सिर्फ राहत कार्य बल्कि पुनर्वास और भविष्य की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। इस तरह के प्रयास बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से सहारा देते हैं, जिससे उन्हें जीवन को सामान्य पटरी पर लाने में मदद मिलती है।