गरियाबंद, 4 दिसंबर 2025 — गरियाबंद पुलिस ने ठगी के एक गंभीर प्रकरण में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों आरोपी मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में MBBS छात्र बताये जा रहे हैं और इन पर राज्य के भीतर तथा बाहर कई धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं।
गरियाबंद पुलिस ने दो आरोपियों को उद्यापन (ठगी) के आरोप में किया गिरफ्तार
थाना छुरा में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, प्रार्थी खेमचंद ने अगस्त 2025 में एक नॉन-बैलेबल (अमान्य) वॉरंट उसके पते पर मिलने और इसके बाद आरोपी द्वारा धमकाकर पैसे वसूलने की शिकायत की थी। प्रार्थी ने बताया कि आरोपी निखिल राज ने उसे जेल भेजने की धमकी देकर 1 लाख रुपये और वॉरंट ले लिए थे। बाद में आरोपी चन्द्रशेखर उर्फ चंदन सेन व निखिल राज ने निरंतर धमकियाँ दे कर और रकम की मांग की।
पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर इस प्रकरण में अपराध संख्या 183/2025 के तहत धारा 308(2) बीएनएस व अन्य सुसंगत धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना छुरा की टीम ने मामले की पतासाजी शुरू की और चन्द्रशेखर उर्फ चंदन सेन को थाना छुरा क्षेत्र से पकड़ा गया। पूछताछ में उसने बताया कि साथी निखिल राज हमसफर ट्रेन से भाग कर झांसी जा रहा है। रेलवे पुलिस (आर.पी.एफ.) बिलासपुर व पेंड्रा रोड की मदद से निखिल राज को पकड़ कर गरियाबंद लाया गया।
रिमांड पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपने जुर्म कबूल किए। उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2009 से लोगों को अलग-अलग तरीके से ठगकर धन कमाने का कार्य कर रहे थे। दोनों की आदतन खर्चीली जीवनशैली व जल्दी धन कमाने की लालसा के चलते उन्होंने फर्जी वॉरंट बनाकर और झूठे प्रकरण बनाकर भोले-भाले लोगों से रकम वसूलना शुरू कर दिया था। इस मामले में आरोप है कि निखिल राज ने एक कोरा वारंट प्राप्त कर उस पर प्रार्थी का नाम-पता लिखकर उसे नॉन-बैलेबल वॉरंट बनाकर भेजा और फिर प्रार्थी से दबाव बनाकर पैसा ऐंठा गया।
पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपियों के ऊपर विभिन्न थानों में धोखाधड़ी के कई मामले पहले से दर्ज हैं। वर्ष 2007 में दोनों ने पीएमटी परीक्षा पास कर ली थी और उसी समय दोनों की पहली मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों ने फर्जी तरीके से पीएमटी परीक्षा पास कराने का नेटवर्क चलाया — दूसरे अभ्यर्थियों को बुलाकर वास्तविक उम्मीदवारों की जगह परीक्षा दिलवा कर अवैध धन कमाने की ठेकेदारी की। वर्ष 2009 में जिला महासमुंद और वर्ष 2010 में जिला बिलासपुर में इनके खिलाफ पीएमटी परीक्षा फर्जीवाड़े के मामले दर्ज किए गए थे — जिनमें संबंधित आरोपियों सहित कई लोग आरोपी बनाए गए थे।
वर्तमान मामले में पुछताछ व साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धारा 111, 318(4), 338, 336(3), 340(1)(2) बीएनएस सहित अन्य सुसंगत धाराएँ जोड़ी गई हैं। पुलिस अधिकारीयों ने बताया कि दोनों आरोपियों ने अपराध करना स्वीकार किया है और जांच जारी है।

पुलिस कार्रवाई व आगे की स्थिति थाना छुरा की टीम ने आर.पी.एफ. से समन्वय कर त्वरित कार्रवाई की, जिससे आरोपी रेलवे के माध्यम से भागते हुए गिरफ्तार किए गए। आगे की जांच में पुलिस अन्य संभावित पीड़ितों और आरोपियों की पहचान कर रही है तथा जांच के आधार पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।



