रायपुर: छत्तीसगढ़ में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर कोरबा के कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस शिकायत के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री साय ने ननकीराम कंवर की शिकायत पर जांच का आश्वासन दिया है।
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ननकीराम कंवर ने अपने चार पन्नों के पत्र में कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कलेक्टर को ‘हिटलर प्रशासक’ तक कह डाला और दावा किया कि वह अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। कंवर ने पत्र में आरोप लगाया कि कलेक्टर ने राइस मिल और पेट्रोल पंपों को बेवजह सील किया, पत्रकारों को टारगेट किया, और व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते लोगों को परेशान किया।
पूर्व मंत्री ने विशेष रूप से 40,000 स्वसहायता समूह की महिलाओं के साथ हुई अरबों रुपये की ठगी और फर्जी मुआवजे के मामलों का जिक्र किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन मामलों में कलेक्टर ने मिलीभगत की है और दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। कंवर ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि अगर तीन दिनों के भीतर कलेक्टर को नहीं हटाया गया, तो वे सरकार के खिलाफ धरने पर बैठेंगे।
ननकीराम कंवर के इस पत्र के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने ननकीराम कंवर से मुलाकात कर उन्हें इस मामले में उचित जांच का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा और उनकी शिकायतों की जांच की जाएगी।
हालांकि, कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि ननकीराम कंवर के इस कदम से यह साबित होता है कि प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता है और सरकार की अपने अधिकारियों पर पकड़ कमजोर हो रही है। इस घटना ने न केवल प्रशासन में बल्कि भाजपा संगठन के भीतर भी हलचल मचा दी है।