गरियाबंद (छत्तीसगढ़)। गरियाबंद जिले के मुख्यालय के करीब पहली बार बाघ देखे जाने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। अलग-अलग दो गांवों के ग्रामीणों ने जंगल में बाघ को देखने की पुष्टि की है। जानकारी के अनुसार फूटू तोड़ने जंगल गए एक ग्रामीण पर बाघ अचानक सामने आ गया, लेकिन वह किसी तरह भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहा।
गरियाबंद वनमंडलाधिकारी (DFO) ने बताया कि यह करीब 4 साल का नर बाघ है, जो फिलहाल गरियाबंद वनमंडल के जंगलों में मौजूद है।
वन विभाग की सतर्कता और कार्रवाई
बाघ के देखे जाने की सूचना के बाद वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 9 दलों में 60 अधिकारी–कर्मचारियों की टीम को तैनात किया है। स्वयं डीएफओ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और ग्रामीणों को समझाइश दे रहे हैं कि वे सतर्क रहें और जंगल में अकेले न जाएं।
- बाघ के पदचिह्नों का प्लास्टर ऑफ पेरिस से सैंपल लिया जा रहा है।
- जंगल में ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं ताकि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
- ग्रामीणों को NTCA (National Tiger Conservation Authority) की गाइडलाइंस के तहत सुरक्षा उपाय अपनाने की हिदायत दी गई है।
ग्रामीणों में भय और उत्सुकता दोनों
बाघ दिखने से जहां ग्रामीण दहशत में हैं, वहीं यह खबर पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। गरियाबंद जिले में पहली बार बाघ की मौजूदगी से वन्यजीव प्रेमियों में भी उत्सुकता है।
वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि बाघ की सुरक्षा और ग्रामीणों की सुरक्षा दोनों सर्वोच्च प्राथमिकता पर हैं।