गरियाबंद। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित कोदोबतर के अंतर्गत आने वाले किसानों ने लंबे समय से लंबित धान उपार्जन केंद्र खोलने की मांग को लेकर अब आर-पार की तैयारी कर ली है। किसानों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि वर्तमान उपार्जन सत्र में कोदोबतर में नया केंद्र नहीं खोला गया, तो वे कल 12 नवंबर 2025 को राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-130C) पंटोरा के पास उग्र प्रदर्शन और चक्काजाम करेंगे।
किसानों ने बताया कि शासन द्वारा वर्षों पूर्व सोहागपुर समिति से पृथक कर कोदोबतर समिति का गठन किया गया था, किंतु आज तक वहां कार्यालय या उपार्जन केंद्र शुरू नहीं किया गया। जिससे कोदोबतर क्षेत्र के 14 ग्रामों के सैकड़ों किसानों को धान विक्रय के लिए हर वर्ष सोहागपुर उपार्जन केंद्र जाना पड़ता है।
किसानों ने कहा कि सोहागपुर उपार्जन केंद्र में जगह की भारी कमी है, वहीं हर साल लगभग 95,000 क्विंटल से अधिक धान की खरीदी होती है। जगह कम होने से उपार्जन कार्य कई बार रोकना पड़ता है, जिससे किसानों
तौलाने में देरी, आर्थिक नुकसान और अनावश्यक परिवहन खर्च का सामना करना पड़ता है।
किसानों ने प्रशासन को पूर्व में कई बार ज्ञापन देकर इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस बार किसानों ने तय कर लिया है कि यदि इस सत्र में कोदोबतर में नया धान केंद्र नहीं खोला गया, लगातार आंदोलन जारी रहेगा।
मंगलवार को क्षेत्र के किसानों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर चक्काजाम की जानकारी दी। ज्ञापन सौंपने वालों में जनपद सदस्य भीम निषाद, ग्राम पंचायत बारूका की सरपंच गैंदी बाई कंवर, ग्राम पंचायत घुटाकुनावापारा की सरपंच हीरा बाई ध्रुव और ग्राम पंचायत कोदोबतर की सरपंच, सरपंच संघ पूर्व अध्यक्ष मनीष ध्रुव सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल थे।

इस दौरान जनपद सदस्य भीम निषाद ने कहा कि कई वर्षों से किसान इस मांग को दोहरा रहे हैं, पर अब तक प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। यदि इस सत्र में कोदोबतर में उपार्जन केंद्र नहीं खुला, तो किसान शांत नहीं बैठेंगे।



