दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को सोशल मीडिया नेटवर्क ट्रुथ सोशल पर यह ऐलान कर दिया कि भारत एक अगस्त से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ का भुगतान करेगा। ट्रंप ने भारत पर जुर्माना भी लगाया है। ट्रंप ने भारत सहित दर्जनों देशों पर टैरिफ लगाने के लिए एत अगस्त की ही समय सीमा तय की थी। अप्रैल में उच्च शुल्कों की घोषणा की गई थी, लेकिन बाद में उन्हें कम कर दिया गया और बातचीत के लिए रोक दिया गया था।
ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के बाद सियासी बवाल
- ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के बाद कांग्रेस ने ट्वीट कर तंज कसा और लिखा, ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ ठोक दिया, साथ ही पेनल्टी भी लगा दी। नरेंद्र मोदी की ‘दोस्ती’ का खामियाजा देश भुगत रहा है। मोदी ने ट्रंप का प्रचार किया, लपक-लपककर गले मिले, फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया में ट्रेंड कराया और आखिर में ट्रंप ने भारत पर टैरिफ ठोक दिया। भारत की विदेश नीति पूरी तरह फेल हो चुकी है।
- कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उलाका ने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कम टैरिफ लगाने के लिए युद्धविराम का दावा किया था, लेकिन इसके बजाय उन्होंने 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया… यह किसानों और छोटे/मध्यम आकार के व्यापारियों के लिए अच्छा सौदा नहीं है।
- इसपर, भाजपा सांसद अशोक चव्हाण ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा पर कहा, “यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और मेरा मानना है कि देश को दबाव में नहीं आना चाहिए और राष्ट्रहित में वही करना चाहिए जो सही है।”
- कांग्रेस सांसद चमाला किरण कुमार रेड्डी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा पर कहा, “मैं नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं, जो खुद को ‘विश्वगुरु’ कहते हैं, दुनिया भर में घूमते हैं और अच्छे संबंध बनाए रखने का दावा करते हैं, वे कहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनके अच्छे दोस्त हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कभी कुछ अच्छा नहीं होता।”
- अमेरिका द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाए जाने पर, फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा, “फिक्की अमेरिका द्वारा भारत से निर्यात पर 25% टैरिफ लगाने और द्वितीयक प्रतिबंध लगाने के निर्णय से निराश है। हालांकि यह कदम दुर्भाग्यपूर्ण है और इसका हमारे निर्यात पर स्पष्ट प्रभाव पड़ेगा, हम आशा करते हैं कि यह टैरिफ अल्पकालिक होगी और दोनों पक्षों के बीच एक स्थायी व्यापार समझौते को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।”
- वहीं, शिवसेना (UBT) नेता अरविंद सावंत ने कहा, “हाउडी मोदी हो रहा था, क्या यही दोस्ती है? वे अपने देश को प्राथमिकता देते हैं, ‘अमेरिका फ़र्स्ट’ कहते हैं, उच्च शिक्षा के लिए कदम उठा रहे हैं… इन सब से प्रतिभा पलायन रुकेगा। सिर्फ़ रूमानियत हो रही है… इससे भारत सरकार के लिए समस्या खड़ी होगी।”
- समाजवादी पार्टी के सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने कहा, “यह दुखद और पीड़ादायक है। भारत सरकार ने देश को शर्मसार किया है और लंबे समय से इस वास्तविकता को अनदेखा कर रही है। अगर उन्होंने विपक्ष के नेता राहुल गांधी की बात सुनी होती, तो इससे बचा जा सकता था…”
- इस पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है और मुझे विश्वास है कि भारत सरकार इस संबंध में उचित कदम उठाएगी। व्यापार और उद्योग इस बात पर निर्भर करेंगे कि भारत सरकार क्या निर्णय लेती है।”