रायपुर। छत्तीसगढ़ बनने से पूर्व प्रदेश का अंचल लंबे समय तक विकास की दौड़ में पीछे रहा। हालांकि, राज्य के गठन के बाद छत्तीसगढ़ ने तेजी से अपनी विकास यात्रा शुरू की और अब यह देश के विकासशील राज्यों में अग्रणी बनता जा रहा है। सरकार ने प्रदेश के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है, जो विकसित छत्तीसगढ़ का रोडमैप प्रस्तुत करता है। इस रोडमैप पर लगातार कार्य किया जा रहा है और हर प्रदेशवासी की सक्रिय भागीदारी से यह सपना धीरे-धीरे साकार हो रहा है।
शिक्षा ही विकास की कुंजी
प्रदेश में शिक्षा को विकास का मूल मंत्र माना गया है। पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर की कई शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना की है। राज्य में
आईआईटी (IIT),
आईआईएम (IIM),
एम्स (AIIMS)
के अलावा 10 से अधिक मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं।
इन संस्थाओं की स्थापना से प्रदेश के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला है। अब प्रदेश के विद्यार्थी न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बढ़त पा रहे हैं।
विकास की दिशा में हर क्षेत्र सक्रिय
शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी राज्य ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। सरकार की नीतियों और योजनाओं के कारण रोजगार के अवसर बढ़े हैं और प्रदेश का आर्थिक परिदृश्य मजबूत हुआ है।
प्रदेशवासी की भागीदारी से साकार हो रहा सपना
विकसित छत्तीसगढ़ का सपना केवल सरकार की मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि हर प्रदेशवासी की भागीदारी और सहयोग से इसे आकार दिया जा रहा है। राज्य में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी, योजनाओं की पारदर्शिता और सामाजिक सहभागिता ने विकास को गति दी है।
छत्तीसगढ़ अब शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक क्षेत्र में मॉडल राज्य बनने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। प्रदेश के बच्चे अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर अपने सपनों को साकार कर रहे हैं और राज्य का भविष्य उज्जवल नजर आ रहा है।



