गरियाबंद। जिले में बालिका गृह और पुनर्वास के लिए लंबे समय से लंबित मांग को लेकर आज गरियाबंद की महिला प्रतिनिधियों का एक दल राज्य सरकार के समक्ष पहुंचा। महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा से गरियाबंद बाल कल्याण समिति की सदस्य तथा स्वावलंबी महिला विकास समिति गरियाबंद की टीम ने मुलाकात कर गरियाबंद जिला मुख्यालय में बालिका गृह खोलने की औपचारिक मांग प्रस्तुत की।
इस प्रतिनिधि मंडल में समिति की अध्यक्ष बिंदु वर्मा, सदस्य विनिता शर्मा, गुलेश्वरी ठाकुर और साक्षी कुटारे शामिल रहीं। सभी ने मिलकर जिले की संवेदनशील स्थिति और बालिकाओं को होने वाली परेशानियों का विस्तृत विवरण विस्तार से बताया।
14 साल पहले बना जिला, अब भी बालिका गृह का अभाव
गरियाबंद जिला गठन के 14 साल बाद भी यहां बालिका गृह की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है और कई गांव जंगलों के भीतर बसे हुए हैं। रायपुर की दूरी करीब 90 किलोमीटर होने के कारण कई बार मामले गंभीर हो जाते हैं, लेकिन त्वरित संरक्षण उपलब्ध नहीं हो पाता।
स्थानीय महिला प्रतिनिधियों ने कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ बालिकाओं तक सही समय पर नहीं पहुंच पा रहा है, क्योंकि किसी भी संवेदनशील स्थिति में बालिकाओं को मजबूरी में रायपुर भेजना पड़ता है, जहां वे मानसिक रूप से जाने को तैयार नहीं होतीं।
ताकेश्वरी (तनु) साहू ने सौंपा आवेदन
बाल कल्याण समिति की सदस्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता ताकेश्वरी साहू ने मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को एक विस्तृत आवेदन सौंपकर स्पष्ट कहा कि—
गरियाबंद आदिवासी, नक्सल प्रभावित और दूरस्थ इलाका है।
यहां बाल कल्याण समिति के समक्ष आने वाले बच्चे—
शिक्षा छोड़ चुके,
अनाथ,
परित्यक्त,
गरीब परिवारों के,
और पॉक्सो पीड़िताएँ—
गंभीर मानसिक, शैक्षिक और सामाजिक समस्याओं से जूझते हैं।
उन्होंने बताया कि रायपुर भेजे जाने पर बच्चे मानसिक रूप से असहज हो जाते हैं और परिजन भी दूरी के कारण उनसे मुलाकात नहीं कर पाते।
बालिका गृह खुलने से मिलेंगे ये लाभ
प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री को बताया कि यदि गरियाबंद मुख्यालय में बालिका गृह खुलता है तो—
- ज़रूरतमंद बच्चों को सुरक्षित संरक्षण मिलेगा
- मानसिक रूप से पीड़ित बच्चों का आसान और त्वरित पुनर्वास होगा
- परिजनों से संपर्क बनाए रखना बच्चों के लिए सरल होगा
साथ ही बालिका गृह के लिए आवश्यक सुविधाओं की सूची भी प्रस्तुत की गई—
- उपयुक्त भवन
- प्रशिक्षित स्टाफ एवं काउंसलर
- शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और मनोरंजन की सुविधाएँ
- महिलाओं ने जताई उम्मीद
प्रतिनिधियों ने मंत्री राजवाड़े से बालिका गृह खोलने की त्वरित स्वीकृति और कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह गरियाबंद जिले की संवेदनशील ज़रूरत है, और बालिकाओं की सुरक्षा व भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।महिलाओं ने मंत्री से सकारात्मक कार्रवाई की उम्मीद जताई है और कहा कि जिले की बालिकाएँ अब राहत की आस लगाए बैठी हैं।
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