DMF Scam रायपुर। डीएमएफ (जिला खनिज प्रतिष्ठान) फंड घोटाले के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने एक बड़ी कार्रवाई की। रायपुर, दुर्ग, धमतरी और राजनांदगांव में एक साथ 14 ठिकानों पर छापेमारी की गई। यह कार्रवाई सुबह से देर रात तक चली। ईओडब्ल्यू की टीम ने आधा दर्जन से अधिक कारोबारियों के घरों और कार्यालयों की तलाशी लेकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं।
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किस-किस के ठिकानों पर हुई छापेमारी
- रायपुर: वॉलफोर्ट एन्क्लेव स्थित कारोबारी अशोक कुमार और अमित कोठारी के घर पर छापा। 
- राजनांदगांव: ललित भंसाली, संतोष अग्रवाल और यश नाहटा के ठिकानों पर छापेमारी। 
- धमतरी: सिर्री स्थित कारोबारी अभिषेक त्रिपाठी के घर पर तलाशी। 
- दुर्ग: मेघ गंगा ग्रुप के डायरेक्टर मनीष पारख के घर से दस्तावेज जब्त किए गए। 
महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त
ईओडब्ल्यू टीम को तलाशी के दौरान कई अहम वित्तीय दस्तावेज, खातों से जुड़ी फाइलें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले हैं। टीम अब इन सभी दस्तावेजों की जांच कर रही है ताकि डीएमएफ फंड में हुई कथित अनियमितताओं की सच्चाई सामने आ सके।
पूछताछ के लिए सभी कारोबारियों को भेजा गया नोटिस
छापेमारी के बाद एजेंसी ने सभी कारोबारियों को गुरुवार को रायपुर स्थित ईओडब्ल्यू कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। सभी से बरामद दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के संबंध में पूछताछ की जाएगी।
आईएएस रानू साहू से जुड़ा बताया जा रहा मामला
स्रोतों के अनुसार, छापेमारी में जिन कारोबारियों के ठिकानों की जांच की गई है, उनमें से कई का संबंध आईएएस रानू साहू से बताया जा रहा है। अधिकांश को कोरबा डीएमएफ फंड से ठेके दिए गए थे। ईओडब्ल्यू को शक है कि इन ठेकों में भारी अनियमितताएं हुई हैं।
ईओडब्ल्यू की अगली कार्रवाई पर नजर
एजेंसी अब जब्त किए गए दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच करवाने की तैयारी कर रही है। शुरुआती जांच के बाद इस मामले में गिरफ्तारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

 







