गरियाबंद। पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अपूर्ण आवास से संबंधित समाचार को जिला प्रशासन ने तथ्यों के विपरीत बताते हुए इसका विस्तृत खंडन जारी किया है।
कलेक्टर ने भ्रामक खबर का किया खंडन , अधिकांश पीएम आवास पूर्ण पाए
कलेक्टर के निर्देश पर जिला स्तरीय टीम ने छह ग्राम पंचायतों में स्थल निरीक्षण कर वस्तुस्थिति स्पष्ट की। निरीक्षण के दौरान ग्राम पंचायत सरईपानी में हितग्राही गोर्वधन नागेश, कन्हल राम और गजिन के आवासों को पूर्ण पाया गया। उसरीजोर में दुर्गासिंह का आवास अभी लिंटल स्तर पर पाया गया, जिसका जियोटैग प्लिंथ स्तर पर किया गया था, और निर्माणाधीन होने के कारण वहां गृह प्रवेश नहीं कराया गया था।
ग्राम पंचायत गोढियारी में सुखचंद का आवास पूरी तरह पूर्ण मिला। वहीं धनोरा में प्रधानसिंह का आवास लिंटल स्तर पर पाया गया, जबकि उनके आवास का जियोटैग पूर्ण स्थिति में किया गया था। इसी प्रकार हितग्राही दुर्जन का आवास छत स्तर पर मिला, लेकिन जियोटैग उनकी बहू के पूर्ण आवास का किया गया था। इस ग्राम पंचायत में पूर्व शिकायतों की जांच के बाद दोषी रोजगार सहायक से वसूली की कार्रवाई की जा चुकी है, और रोजगार सहायक एवं आवास मित्र दोनों ने त्यागपत्र दे दिया है। मुडगेलमाल में भंवर का आवास पूर्ण स्थिति में मिला, जबकि अमलीपदर पंचायत में हितग्राहियों धनमती और निरोबाई के आवास भी पूर्ण पाए गए।

कलेक्टर उईके ने बताया है कि सभी स्थलों पर किए गए भौतिक निरीक्षण तथा आवास सॉफ्टवेयर में उपलब्ध जियोटैग के मिलान से यह स्पष्ट हो गया है कि किसी भी अपूर्ण आवास में गृह प्रवेश नहीं कराया गया है और सभी जियोटैग नियमानुसार ही किए गए हैं। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि समाचार पत्र में प्रकाशित आरोप तथ्यहीन और भ्रामक हैं। प्रशासनिक प्रतिवेदन संबंधित विभाग को भेज दिया गया है।



