मत्स्य बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश में 6वें स्थान पर, मत्स्य किसानों को नवीन तकनीक और कौशल विकास अपनाने की जरूरत मंत्री रामविचार नेताम
रायपुर, 22 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ में विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित कृषि मंडपम सभागार में आयोजित एक दिवसीय मत्स्य कृषक संगोष्ठी में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा मछलीपालन मंत्री रामविचार नेताम शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन आज ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला प्रमुख क्षेत्र बन चुका है। आर्थिक समृद्धि के लिए मत्स्य किसानों को नई तकनीक, कौशल विकास और आधुनिक प्रबंधन पद्धतियों को अपनाना होगा।
मंत्री नेताम ने कहा कि हर वर्ष 21 नवंबर को विश्व मात्स्यिकी दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मछुआ समुदाय के अधिकार, आजीविका, खाद्य सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है और यहाँ मत्स्य पालन की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं।
छत्तीसगढ़ देश में 6वें स्थान पर, 583 करोड़ मत्स्य बीज का वार्षिक उत्पादन: मंत्री रामविचार नेताम
मंत्री नेताम ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, नील क्रांति और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के माध्यम से मत्स्य पालन को निरंतर बढ़ावा दिया है।
वर्तमान में राज्य में 1,30,001 जलाशय (2.039 लाख हेक्टेयर) उपलब्ध हैं, जिनमें से 98% में मत्स्य पालन हो रहा है।
प्रदेश में अब तक 82 नवीन हैचरी स्थापित की जा चुकी हैं और कुल 120 हैचरी मिलकर 583 करोड़ मत्स्य बीज प्रति वर्ष का उत्पादन कर रही हैं। छत्तीसगढ़ अब न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि अन्य राज्यों को मत्स्य बीज निर्यात भी कर रहा है।
रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और जांजगीर में थोक मत्स्य बाजार
मत्स्य विपणन को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर परिवहन और विपणन सुविधाएँ प्रदान की हैं।
अब तक—
- 1008 मोटरसाइकिल व आइस बॉक्स
- 10 तीन-व्हीलर वाहन
- 05 इन्सुलेटेड ट्रक
- 114 वाहन (लाइव फिश वेडिंग सेंटर)
वितरित किए गए हैं।
रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और जांजगीर में थोक मत्स्य बाजारों की स्थापना भी की गई है।
कार्यक्रम में मंत्री नेताम ने हितग्राही मछुआरों को लाभांश राशि के चेक वितरित किए।
मत्स्य पालन: ग्रामीण बेरोजगारी दूर करने का सशक्त माध्यम
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य मछुआ बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारा, रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू, और विभाग के संचालक एम.एस. नाग ने भी अपने विचार रखे।
एम.एस. नाग ने कहा कि राज्य की भौगोलिक और कृषि-जलवायु स्थिति मछली पालन के लिए अत्यंत उपयुक्त है। वर्तमान में—
- 1840 प्राथमिक मत्स्य सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं
- जिनसे 63,280 सदस्य जुड़े हुए हैं
- सभी प्रगतिशील मत्स्य किसानों को आधुनिक तकनीक पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस संगोष्ठी में बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के किसान, जनप्रतिनिधि, मछुआ बोर्ड के पदाधिकारी और विशेषज्ञ उपस्थित थे।



