
दुर्ग : भिलाई में दो बांग्लादेशी युवतियों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को जयंती नगर इलाके से संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया था। ये बुजुर्ग महिला शशि उपाध्याय के मकान में रह पहचान छिपाकर रह रही थीं। पुलिस की दबिश में दोनों के पहले देह व्यापार में लिप्त होने की सूचना मिली थी। जब पुलिस ने हिरासत में लेकर उनके दस्तावेजों की जांच की, तो वे फर्जी निकले। इन्होंने आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड और बैंक खाते खुलवा लिए थे। दोनों ने फर्जी शादी भी की है।
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इनमें से एक युवती का पति पश्चिम बंगाल में है तो दूसरे का पति भिलाई 3 के पदुमनगर में रहता है। इनके जब्त मोबाइल से कई बांग्लादेशियों के नंबर भी मिले हैं। दोनों इंटरनेट और ईमो एप के जरिए बांग्लादेशी परिजन के संपर्क में थे। दुर्ग जिले में अब तक पांच बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। सपना मंडल उर्फ सपना नूर ने पूछताछ में यह बताया कि वह चंगोराभाठा रायपुर में किराए के मकान में रहती है। मूलत: बाघा जोतीन जाधवपुर पश्चिम बंगाल की रहने वाली है। दस्तावेजों की जांच में उसका असली नाम सनाया नूर निकला, जो मूलत: जोबरहाट जिला दिनाजपुर बांग्लादेश की रहने वाली है। 15 वर्ष पहले वह घुसपैठ कर भारत आ गई थी।
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वह कुछ दिनों तक सिलीगुड़ी न्यू जलपाईगुड़ी में सपना मंडल के नाम से रही थी। वहां से बाघा जोतीन जाधवपुर पश्चिम बंगाल में आकर रहने लगी। यहीं पर उसकी पहचान पदुमनगर में रहने वाले अभय शर्मा से पहचान हुई। अभय के साथ वह करीब 8 साल पहले रायपुर आ गई। यहां चंगोराभाठा में एक किराए के मकान में रहने लगी। इसके बाद उसने अभय को अपना पति बना लिया। पति का नाम लिखकर उसने अपने सभी फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए। सपना के मोबाइल पर 15 मोबाइल नंबर बांग्लादेश के मिले हैं। खुशबू उर्फ रानी पासवान दिनाजपुर स्थित भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से घुसपैठ कर आई थी। वह पहले दिनाजपुर में 5 साल रही। तभी उसने खुशबू नाम से आधार कार्ड बनवा लिया। बाद में आसनसोल आ गई। यहां रानी पासवान पति राजन निवासी लच्छीपुर, कुल्टी पश्चिम बंगाल के पते पर जन्मतिथि बदलकर फर्जी आधार कार्ड बनवाया। गिरफ्तारी से पूर्व मोबाइल डेटा डिलीट कर दिया।