CG breaking: गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर थाना पुलिस ने मंगलवार को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 8 गौवंश की तस्करी कर रहे 3 गौ तस्कर को गिरफ्तार किया है।
फिंगेश्वर में 3 गौ तस्कर गिरफ्तार कब्जे से 8 गौवंश बरामद
फिंगेश्वर पुलिस ने उनके कब्जे से 8 गौवंश भी बरामद किए हैं, जिन्हें बेहद अमानवीय और क्रूरता से पिकअप वाहन में भरकर ओडिशा ले जाया जा रहा था। यह कार्रवाई गौ-रक्षकों की सक्रियता और पुलिस की तत्परता से संभव हो सकी। जानकारी के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली थी कि छुरा मार्ग के नागझर इलाके से एक पिकअप वाहन में अवैध रूप से गौवंश की तस्करी की जा रही है। तुरंत ही फिंगेश्वर थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और नाकेबंदी कर वाहन को रोक लिया। वाहन की तलाशी लेने पर उसमें ठूंस-ठूंस कर 8 गौवंश मिले, जिन्हें बेहद क्रूर तरीके से बाँधकर रखा गया था।
तीन आरोपी गिरफ्तार पुलिस ने मौके से ही तीन आरोपियों –
- खेमन सिन्हा
- मोहनलाल खुटे
- चेतन निषाद
को गिरफ्तार किया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे इन गौवंशों को ओडिशा लेकर जा रहे थे, जहां इन्हें बेचने की योजना थी।
गौ-रक्षकों की शिकायत पर हुई कार्रवाई
इस पूरी कार्रवाई में स्थानीय गौ-रक्षकों का अहम योगदान रहा। उन्होंने संदिग्ध वाहन की सूचना फिंगेश्वर पुलिस को दी थी। जानकारी मिलते ही पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर छापा मारा और तस्करों को धर दबोचा।
पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज
फिंगेश्वर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम, छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस अब यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस तस्करी के पीछे और कौन लोग शामिल हैं तथा इनके नेटवर्क का क्या दायरा है।
जिले में लगातार बढ़ रहे गौ तस्करी के मामले
गरियाबंद जिला लंबे समय से गौ-तस्करों के लिए सुरक्षित रास्ता माना जाता रहा है। यहां से ओडिशा की सीमा बेहद नजदीक होने के कारण तस्कर आसानी से पशुओं को अवैध तरीके से सीमा पार करा देते हैं। बीते कुछ महीनों में पुलिस ने कई बार ऐसी कार्रवाई की है, जिसमें दर्जनों गौवंशों को बचाया गया है।
गौवंशों की हालत दयनीय
बरामद किए गए 8 गौवंशों की हालत बेहद खराब पाई गई। उन्हें बिना पानी और चारे के लंबे समय तक वाहन में ठूंसकर ले जाया जा रहा था। कई पशु घायल अवस्था में थे। पुलिस ने तुरंत पशु चिकित्सा विभाग को सूचना दी, जिसके बाद सभी गौवंशों का प्राथमिक इलाज कराया गया और उन्हें सुरक्षित गौशाला भेजा गया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने फिंगेश्वर पुलिस की कार्रवाई की सराहना की है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की तस्करी पर सख्ती से लगाम लगनी चाहिए, क्योंकि यह न केवल पशु क्रूरता है बल्कि धार्मिक आस्थाओं से भी जुड़ा हुआ मामला है।
तस्करों का नेटवर्क खंगाल रही पुलिस
पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये गौवंश कहां से लाए गए थे और इन्हें कहां बेचा जाना था। साथ ही इस बात की भी जांच हो रही है कि इस गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल हैं।
गौ-तस्करी रोकने में जन सहयोग जरूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि केवल पुलिस और प्रशासन के प्रयासों से गौ-तस्करी पर रोक लगाना मुश्किल है। इसमें स्थानीय लोगों की सक्रिय भूमिका बेहद अहम है। जिस तरह इस मामले में गौ-रक्षकों की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई की, वैसा ही सहयोग हर बार मिलेगा तो तस्करों के लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा।
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निष्कर्ष
फिंगेश्वर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल एक बड़ी उपलब्धि है बल्कि इससे यह भी साबित होता है कि प्रशासन और जनता के संयुक्त प्रयास से अपराध पर काबू पाया जा सकता है। आठ बेजुबान गौवंशों की जान बचाने वाली यह घटना पूरे जिले के लिए राहत की खबर है। अब देखना यह होगा कि आगे की जांच में और कौन-कौन तस्कर पुलिस की गिरफ्त में आते हैं।