रायपुर – छत्तीसगढ़ की राजधानी में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच में एक और बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। इस घोटाले से जुड़े कारोबारी विजय भाटिया की रिमांड अवधि को 9 जून 2025 तक बढ़ा दिया गया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने उसे पूछताछ के लिए और अधिक समय तक हिरासत में रखने की मांग की थी, जिस पर अदालत ने आंशिक रूप से सहमति जताई है। दरअसल, EOW ने अदालत से विजय भाटिया की रिमांड 16 जून 2025 तक बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने केवल 9 जून तक की रिमांड को मंजूरी दी। यह घटनाक्रम राज्य में फैले शराब घोटाले की परतें धीरे-धीरे खुलने की दिशा में एक और अहम कदम माना जा रहा है।

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क्या है मामला?
छत्तीसगढ़ में शराब के अवैध कारोबार और सरकारी राजस्व की हानि से जुड़ा यह घोटाला राज्य के सबसे बड़े आर्थिक अपराधों में से एक माना जा रहा है। इस घोटाले में करोड़ों रुपये की हेराफेरी और अवैध रूप से शराब की सप्लाई एवं बिक्री से संबंधित कई बड़े खुलासे हुए हैं। ईओडब्ल्यू की प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि सरकारी सिस्टम की मिलीभगत से राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध शराब बिक्री हो रही थी, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया। विजय भाटिया पर इस पूरे नेटवर्क के एक अहम कारोबारी किरदार के रूप में आरोप लगाए गए हैं, जो सप्लाई चेन और वित्तीय लेन-देन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था।
विजय भाटिया की भूमिका पर शक
शराब घोटाले में विजय भाटिया की भूमिका को लेकर ईओडब्ल्यू के अधिकारियों को लंबे समय से संदेह था। उसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया था और उसके खिलाफ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ी सबूत और कथित लेनदेन के रिकॉर्ड जांच एजेंसी के हाथ लगे हैं। ईओडब्ल्यू का मानना है कि भाटिया ने बेनामी कंपनियों और फर्जी बिलिंग के माध्यम से बड़ी रकम का लेन-देन किया है, जिससे वह जांच एजेंसियों की नजर से बचता रहा। इसके अलावा, जांच एजेंसी को शक है कि उसने कई राजस्व अधिकारियों और राजनीतिक संपर्कों के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया।

रिमांड पर पूछताछ में हो सकते हैं और खुलासे

ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने कोर्ट में दलील दी कि विजय भाटिया से पूछताछ अभी अधूरी है और उसे सामने बैठाकर अन्य आरोपियों से आमने-सामने कर पूछताछ की जरूरत है। रिमांड के दौरान भाटिया से मिले इनपुट के आधार पर कई अन्य व्यापारियों और अधिकारियों पर भी कार्रवाई की संभावनाएं जताई जा रही हैं। जांच एजेंसी की मानें तो भाटिया से पूछताछ के दौरान अब तक कुछ नकदी ट्रांजेक्शन, बैकडेट में हुए बिल और कथित ‘कट मनी’ की जानकारियाँ सामने आई हैं, जिन्हें पुख्ता करने के लिए समय और सबूत जुटाने की आवश्यकता है।

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