गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी सीजन शुरू होते ही अवैध धान परिवहन और बिक्री पर रोक लगाने के लिए गरियाबंद पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान ने बड़ी सफलता हासिल की है। पिछले 17 दिनों में जिले की पुलिस ने लगातार कार्रवाई करते हुए कुल 470 क्विंटल से अधिक अवैध धान जप्त किया है, जिसकी अनुमानित कीमत 14 लाख 57 हजार रुपए आंकी गई है। इस अवधि में पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर नाकेबंदी एवं चौकसी बढ़ाकर 19 चारपहिया वाहनों को पकड़ने में सफलता पाई है, जिनका उपयोग दीगर राज्यों से धान की अवैध ढुलाई में किया जा रहा था।
देवभोग पुलिस ने 164 कट्टा धान सहित तीन बोलेरो पिकअप किए जप्त
इस अभियान के तहत केवल थाना देवभोग पुलिस ने ही एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 164 कट्टा (65.6 क्विंटल) अवैध धान के साथ तीन बोलेरो पिकअप वाहनों को जप्त किया। ये वाहन उड़ीसा (ओडिशा) राज्य से धान को अवैध तौर पर छत्तीसगढ़ में प्रवेश कराने का प्रयास कर रहे थे।
सीमा नाकों पर कड़ी निगरानी — वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर विशेष अभियान
राज्य में धान खरीदी का समय शुरू होने पर सीमावर्ती जिलों में अवैध धान की आवाजाही बढ़ जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए गरियाबंद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सभी थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि उड़ीसा की सीमा से लगे मार्गों पर विशेष नाकेबंदी की जाए और संदिग्ध वाहनों की गहन चेकिंग सुनिश्चित की जाए।
छत्तीसगढ़ शासन की समर्थन मूल्य नीति के तहत धान केवल पंजीकृत किसानों से निर्धारित उपार्जन केंद्रों पर खरीदा जाता है। बाहरी राज्यों से अवैध धान की एंट्री न केवल इस व्यवस्था को प्रभावित करती है बल्कि सरकारी खरीदी प्रक्रिया और किसानों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। इसीलिए पुलिस और प्रशासन मिलकर इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।
सीमा पर तैनात पुलिस दल लगातार वाहनों की जांच कर रहा है। सुबह से देर रात तक चलने वाली इस चेकिंग में पुलिसकर्मी बिना किसी ढील के संदिग्ध वाहनों की तलाशी ले रहे हैं। कई बार अवैध धान ले जाने वाले वाहन चालक कागजात दिखाने में असमर्थ पाए जाते हैं, जिसके बाद सीधे तौर पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
मुखबिर की सूचना पर देवभोग पुलिस की प्रभावी कार्यवाही
26 नवंबर 2025 को थाना देवभोग पुलिस को मुखबिर से विश्वसनीय सूचना मिली कि उड़ीसा से बड़ी मात्रा में धान को अवैध तरीके से बेचने के उद्देश्य से गरियाबंद जिले की ओर लाया जा रहा है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी ने तुरंत एक पुलिस टीम को रवाना किया। टीम ने सीमा क्षेत्र में बने चेक पोस्टों पर संदिग्ध वाहनों की निगरानी बढ़ाई।
इसी दौरान तीन बोलेरो पिकअप वाहनों —
- क्रमांक OD 08 AA 5325,
क्रमांक CG 23 5741,
- क्रमांक CG 23 J 0489
को रुकवाकर उनकी तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान वाहनों में 164 कट्टा अवैध धान पाया गया। जब चालकों से धान के वैध परिवहन संबंधी दस्तावेज मांगे गए तो वे कोई भी कागजात प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे। इस पर पुलिस ने वाहनों एवं धान को जप्त कर आगे की कार्रवाई प्रारंभ की। जप्त धान का मूल्य 2 लाख 33 हजार रुपए बताया गया है।
पुलिस ने वाहन चालकों से पूछताछ शुरू की है और यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि धान किसके द्वारा भेजा गया था, कहां ले जाया जा रहा था तथा इस अवैध परिवहन के पीछे कौन-कौन से दलाल या खरीददार जुड़े हैं।
17 दिनों में 21 प्रकरण दर्ज, 1175 कट्टा अवैध धान जप्त
देवभोग और अमलीपदर थाना क्षेत्र में पिछले 17 दिनों से चलाए जा रहे विशेष अभियान में कुल 21 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इन प्रकरणों में
- 1175 कट्टा धान,
- कई चारपहिया वाहन,
- तथा अन्य सामग्रियां
- पकड़ी गई हैं।
इन वाहनों में अधिकांश बोलेरो पिकअप, मिनी ट्रक, और अन्य लोडिंग वाहन शामिल हैं। कई वाहनों के नंबर भी फर्जी पाए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। कुछ मामलों में वाहन चालक मौके से फरार भी हो गए, लेकिन पुलिस ने वाहनों को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की।
जप्त धान को संबंधित विभाग — अर्थात् कृषि उपज मंडी एवं खाद्य विभाग — को सुपुर्द किया गया है, जहां आगे की प्रक्रिया जैसे परीक्षण, रिकॉर्डिंग और संग्रहण की कार्रवाई की जा रही है।
अवैध धान परिवहन के पीछे सक्रिय गिरोह पर पुलिस की नजर
पुलिस सूत्रों का मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्र में कई दलाल और माफिया सक्रिय हैं जो उड़ीसा राज्य से धान को कम कीमत पर खरीदकर छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर बेचना चाहते हैं। इस अवैध व्यापार में स्थानीय दलालों के साथ कुछ बाहरी राज्य के लोग भी शामिल रहते हैं। धान की एक-एक खेप के साथ कई हजारों से लाखों रुपए का अवैध कारोबार होता है।
इस व्यापार को रोकने के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है। कई ऐसे मार्ग चिन्हित किए गए हैं जिनसे अवैध परिवहन संभव है। इन मार्गों पर विशेष गश्त बढ़ाई गई है। इसके साथ ही पुलिस ग्रामीणों से भी अपील कर रही है कि ऐसे अवैध कार्यों की सूचना तत्काल दें।
वर्षों से चल रही समस्या पर इस बार सख्त नकेल
हर साल धान खरीदी के दौरान उड़ीसा और अन्य पड़ोसी राज्यों से अवैध धान के प्रवेश की कोशिशें बढ़ जाती हैं। इससे छत्तीसगढ़ की सरकारी खरीदी व्यवस्था प्रभावित होती है और असली किसानों को उनका हक मिलने में बाधा आती है। पिछले वर्षों में इस पर कुछ हद तक नियंत्रण किया गया था, लेकिन इस बार पुलिस और प्रशासन और अधिक सख्त दिखाई दे रहे हैं।
इस बार
- सीमा नाकों पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है
- ड्रोन से निगरानी की जा रही है
- देर रात तक वाहनों की जांच की जा रही है
- हर संदिग्ध वाहन की वीडियोग्राफी की जा रही है
- जिसका सकारात्मक असर देखा जा रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने दी चेतावनी — अवैध धान परिवहन पर पूरी तरह नकेल कसी जाएगी
गरियाबंद जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लगातार अपने अधीनस्थों को निगरानी बढ़ाने के निर्देश दे रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी स्थिति में अवैध धान परिवहन एवं बिक्री को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि—
“समर्थन मूल्य की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो, किसानों को उनका सही मूल्य मिले और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि गरियाबंद जिले की छवि को खराब न करे — यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सीमा क्षेत्रों में अवैध परिवहन के खिलाफ आने वाले दिनों में और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। यदि कोई व्यक्ति या वाहन चालक इस तरह की अवैध गतिविधि में पकड़ा जाएगा, तो उसके विरुद्ध गंभीर धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय किसानों का समर्थन — “अवैध धान आने से हमारी मेहनत का दाम कम होता है”
स्थानीय किसानों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। किसानों का कहना है कि हर वर्ष अवैध धान की वजह से खरीदी केंद्रों में दबाव बढ़ जाता है और असली किसानों को अपनी उपज बेचने में परेशानी होती है। साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाला सस्ता धान बाजार को प्रभावित करता है।
कई किसानों ने कहा कि यदि पुलिस इस बार सख्त कार्रवाई करती रही तो यह क्षेत्र के किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होगा। “अवैध धान का प्रवेश बंद होगा तो समर्थन मूल्य व्यवस्था और मजबूत होगी,” किसानों ने कहा।
आगे भी जारी रहेगा अभियान
पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि अवैध धान परिवहन रोकने के लिए चलाया गया यह विशेष अभियान आगे भी जारी रहेगा। किसानों, व्यापारियों और आम जनता से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध धान परिवहन या बिक्री की सूचना तत्काल स्थानीय थाने या पुलिस हेल्पलाइन पर दें।
चूंकि खरीदी सीजन अगले कुछ महीनों तक चलता है, इसलिए पुलिस और प्रशासन लगातार सतर्क रहेगा और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त दल भी तैनात किए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिले में धान खरीदी पूरी तरह पारदर्शी और कानून के दायरे में हो।
निष्कर्ष
गरियाबंद पुलिस की यह कार्रवाई न केवल धान चोरी एवं अवैध परिवहन रोकने में मील का पत्थर साबित हो रही है, बल्कि समर्थन मूल्य व्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही है। 17 दिनों के भीतर 470 क्विंटल से अधिक धान, 19 वाहन, 21 प्रकरण तथा लाखों रुपए की अवैध संपत्ति का जप्त होना यह दर्शाता है कि पुलिस प्रशासन इस बार अवैध कारोबार पर सख्त और परिणामकारक कार्रवाई कर रहा है।
आने वाले दिनों में भी इसी तरह की सघन चेकिंग से अवैध गतिविधियों पर रोकथाम की उम्मीद है और किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।




