गरियाबंद। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत पखवाड़े भर चलने वाले शिविर का सिलसिला सोमवार 16 जून से शुरू हो गया। कलेक्टर बी.एस. उइके के निर्देशानुसार एवं जिला पंचायत सीईओ जी.आर. मरकाम के मार्गदर्शन में जिले के 187 ग्राम पंचायतों के 334 चयनित विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य ग्रामों, बसाहटों में 17 मंत्रालयों की 25 योजनाओं की संतृप्ति के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शिविर का आयोजन
इसी तारतम्य में आज छुरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत रसेला, गरियाबंद विकासखण्ड के मौहाभाठा एवं मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत सगड़ा में शिविर आयोजित की गई। शिविर ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित इस तरह के शिविर आयोजन के उद्देश्य बताए। उन्होंने कहा कि आदिवासी लोगों में जागरूकता और क्षेत्र में संचालित हर तरह की योजनाओं में सैचुरेशन हासिल करना उद्देश्य है। सैचुरेशन का आशय योजनाओं का लाभ उठाने के लिए एक भी हितग्राही बचे नहीं होने चाहिए। शिविर में विभिन्न विभागों के स्टॉल भी लगाये गये थे। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ मरकाम ने मौहाभाठा के शिविर में लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को परिणाम मूलक कार्य करने के निर्देश दिए। विभिन्न कामों को लेकर पहुंचे हितग्राहियों से चर्चा कर उन्हें योजनाओं की जानकारी दी। शाला प्रवेश अभियान के तहत अपने बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह किया।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ 02 अक्टूबर 2024 को किया गया है। इस अभियान की संकल्पना जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अभिसरण मॉडल पर 17 भागीदार मंत्रालयों के 25 योजनाओं मिलाकर लागू किया गया है।
जिसमें आवास, पक्की सड़के, समग्र शिक्षा, जल जीवन मिशन, मोबाईल मेडिकल यूनिट, पीएम जन आरोग्य योजना, आंगनबाड़ी केन्द्र, अविद्युतिकृत घरों में विद्युतिकरण, सोलर लाईट, एलपीजी कनेक्शन, पोषण वाटिका, कौशल विकास, डिजिटल एक्टिविटी, मछली पालन, पशुपालन, होम स्टे, प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम, एफ.आर.ए. मैनेजमेंट, के साथ साथ आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र एवं निवास प्रमाण-पत्र, के.सी.सी. एवं अन्य हितग्राहीमूलक योजनाओं को शामिल किया गया है। इन सभी योजनाओं से वंचित हितग्राहियों को योजनाओं से जोड़ा गया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित आसपास के ग्रामीणजन उपस्थित थे।
गरियाबंद। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत पखवाड़े भर चलने वाले शिविर का सिलसिला सोमवार 16 जून से शुरू हो गया। कलेक्टर बी.एस. उइके के निर्देशानुसार एवं जिला पंचायत सीईओ जी.आर. मरकाम के मार्गदर्शन में जिले के 187 ग्राम पंचायतों के 334 चयनित विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य ग्रामों, बसाहटों में 17 मंत्रालयों की 25 योजनाओं की संतृप्ति के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।
इसी तारतम्य में आज छुरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत रसेला, गरियाबंद विकासखण्ड के मौहाभाठा एवं मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत सगड़ा में शिविर आयोजित की गई। शिविर ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित इस तरह के शिविर आयोजन के उद्देश्य बताए। उन्होंने कहा कि आदिवासी लोगों में जागरूकता और क्षेत्र में संचालित हर तरह की योजनाओं में सैचुरेशन हासिल करना उद्देश्य है। सैचुरेशन का आशय योजनाओं का लाभ उठाने के लिए एक भी हितग्राही बचे नहीं होने चाहिए। शिविर में विभिन्न विभागों के स्टॉल भी लगाये गये थे। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ मरकाम ने मौहाभाठा के शिविर में लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को परिणाम मूलक कार्य करने के निर्देश दिए। विभिन्न कामों को लेकर पहुंचे हितग्राहियों से चर्चा कर उन्हें योजनाओं की जानकारी दी। शाला प्रवेश अभियान के तहत अपने बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह किया।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ 02 अक्टूबर 2024 को किया गया है। इस अभियान की संकल्पना जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अभिसरण मॉडल पर 17 भागीदार मंत्रालयों के 25 योजनाओं मिलाकर लागू किया गया है।
जिसमें आवास, पक्की सड़के, समग्र शिक्षा, जल जीवन मिशन, मोबाईल मेडिकल यूनिट, पीएम जन आरोग्य योजना, आंगनबाड़ी केन्द्र, अविद्युतिकृत घरों में विद्युतिकरण, सोलर लाईट, एलपीजी कनेक्शन, पोषण वाटिका, कौशल विकास, डिजिटल एक्टिविटी, मछली पालन, पशुपालन, होम स्टे, प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम, एफ.आर.ए. मैनेजमेंट, के साथ साथ आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र एवं निवास प्रमाण-पत्र, के.सी.सी. एवं अन्य हितग्राहीमूलक योजनाओं को शामिल किया गया है। इन सभी योजनाओं से वंचित हितग्राहियों को योजनाओं से जोड़ा गया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित आसपास के ग्रामीणजन उपस्थित थे।