बिहान से जुड़कर जैविक खेती अपनाकर आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही है ऐमिन साहु


गरियाबंद/फिंगेश्वर विकासखण्ड के ग्राम तर्रा निवासी ऐमिन साहू जैविक खेती अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही है। जो कि एनआरएलएम अंतर्गत बिहान में जुड़ने से पहले परंम्परागत खेती कर रहे थे एवं धान छिड़काव कर बोआई करते थे, जिसके कारण उत्पादन उम्मीद से कम हुआ करता था एवं लागत खर्च अधिक होता था जिसके कारण परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था। लेकिन ऐमिन साहू जब से एनआरएलएम अंतर्गत बिहान से जुड़ी हुई है, तब से उनके सोच और काम करने के तरीके बदलाव आया है। अब उसे शासन की नई नई योजनाओं के बारे में जानकारी मिली। जब उन्हें सीएमएसए और एमकेएसपी के बारे में पता चला, तो उन्होंने 1.50 एकड़ में जैविक खेती करना प्रारंभ किया एवं रासायनिक खाद के स्थान पर जैविक खाद का उपयोग करने लगी। धान का थरहा तैयार कर श्री विधि से धान का रोपाई की, जिससे उन्हें जैविक खेती का लाभ मिलने लगा। उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ फसल की कीमत भी मिलने लगी, जिससे उनके आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होने लगी। ऐमिन अब हर वर्ष अपने सभी खेतों में जैविक खेती कर रही है। जिससे उनको प्रतिवर्ष अच्छा लाभ हो रहा है। ऐमिन बिहान अंतर्गत कृषि सीआरपी के पद पर कार्य करते हुए अपने गांव एवं दुसरे विकासखण्ड के गांवों में भी जाकर सभी कृषक दीदीयों को जैविक खेती के लिए प्रेरित कर रही है।
इसके अलावा ऐमिल द्वारा अन्य आजीविका गतिविधि भी अपनाकर अपने आय को सुदृढ़ कर रही है। जिसमें अचार, बड़ी, पापड़, जैविक दवाई, गौकास्ट एवं धूपबत्ती निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिससे उनको प्रतिमाह 8000 से 10000 रूपये अतिरिक्त आय प्राप्त होता है। ऐमिन अब भविष्य में अपने व्यवसाय में नये तकनीकों को अपना कर अपना लाभ बढाना चाहती है एवं अन्य दीदीयों को आजीविका का प्रशिक्षण देकर गांव की महिलाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाना चाहती है।

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