शाला प्रवेश उत्सव पर प्राथमिक शाला सीर्री खुर्द में बच्चों को पाठ्यपुस्तक व गणवेश वितरण किया
- गरियाबंदछत्तीसगढ़शिक्षा
- June 20, 2022
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गरियाबंद:- शाला प्रवेश उत्सव प्राथमिक शाला सीर्री खुर्द शासन के निर्देशानुसार शाला प्रवेश उत्सव सत्र 2022-23 मैं 16 जून से 15 जुलाई तक मनाया जाना प्रस्तावित है जिसके तारतम्य में प्राथमिक शाला सीर्री खुर्द में आज दिनांक को शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम रखा गया कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती भगवती ज्ञान दायिनी कि पूजा अर्चना से हुआ साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम पंचायत के सरपंच श्री टिकेश कुमार साहू शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री तेजराम साहू ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष श्री हरि साहू पूर्व सरपंच श्री विजय कंडरा के द्वारा सभी नवप्रवेशी बच्चों का गुलाल लगाकर मुंह मीठा करा कर पाठ्य पुस्तक व गणवेश प्रदान किया गया साथ ही शिला में दर्ज सभी कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पाठ्यपुस्तक गणवेश वितरण किया गया ग्राम के प्रथम नागरिक श्री टीकेश कुमार साहू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपने उद्बोधन मैं कहां की शिक्षा सफल समाज उन्नतिशिल देश के लिए आवश्यक है। और शिक्षा का आरंभ प्राथमिक स्तर से होता है इसलिए सभी पालक अपने पाल्य को अनिवार्य रूप से शाला में प्रवेश दिलाएं एक भी बच्चा छुटा पढ़ाई का चक्र टूटा इसलिए हमें यह भावना को सभी जन समुदाय तक पहुंचाना है क्योंकि गांव हमारा है विद्यालय हमारी हैं और बच्चे हमारे हैं विद्यालय की सुरक्षा देखभाल हम सबकी जिम्मेदारी है पढ़बो तभे आगे बढ़बो यही मानसिकता ही ऐसा ब्रह्मास्त्र है जिससे सभी क्षेत्रों में विजय प्राप्त किया जा सकता है अगले संबोधन में संस्था प्रमुख श्री जगन्नाथ ध्रुव ने कहां की कोई भी बच्चा शाला त्यागी शाला अप्रवेसी न रहे सभी बच्चों का शत-प्रतिशत दाखिला हो जिसमें शिक्षक के क्षेत्र में हमारे स्कूल का नाम अग्रणी रहे साथ ही शिक्षक खोमन सिन्हा ने कहा कि शासकीय शाला किसी से कम नहीं योग्य एवं प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा बेहतर एवं निशुल्क शिक्षा सुविधा आनंदमय एवं भयमुक्त वातावरण में अध्यापन कराया जा रहा है शासकीय शालाओं में प्रदान की जाने वाली सुविधा निशुल्क प्रवेश गणवेश पाठ्यपुस्तक छात्रवृत्ति विद्यार्थी सीमा सुरक्षा रुचिकर मध्यान भोजन स्वास्थ्य परीक्षण इन सभी का लाभ बच्चों को प्रत्यक्ष रूप से हो रहा है शिक्षक खोमन सिन्हा ने आगे कहा कि प्राथमिक स्तर का बच्चा मिट्टी के समान होता है जिस प्रकार कुम्हार मिट्टी को अपनी इच्छा अनुसार आकार देता है उसी प्रकार बच्चों में भी संस्कार व्यवहार डाला जाता है उसी का शत-प्रतिशत ग्रहण करता है इसलिए बच्चों को शिक्षा का शार बढ़ाते रहना चाहिए जिससे पढ़ाई उत्सव हुआ आनंदमय वातावरण में कर सकें बच्चे अपने आसपास को बहुत नजदीकी से जानते हैं शाला की प्रारंभिक कक्षा में अध्ययनरत बच्चों के मानसपटल को दृष्टिगत रखते हुए उन विषय वस्तु का चयन करना चाहिए जो उनके आसपास उपलब्ध है या उनके दैनिक जीवन से संबंधित है अध्यापन कार्य में क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग होना चाहिए जिसमें बच्चा समझने में सरल महसूस करें साथ ही बच्चों को शाला सुरक्षा बाल संरक्षण के बारे में बताया गया स्वच्छ विद्यालय कैसा हो उनके घटक को परिभाषित किया गया बच्चों को व्यवहारिक मौलिक शिक्षा के बारे में बताया गया पूर्व सरपंच श्री विजय कंडरा ने कहा कि विद्यालय में पाठ्यक्रम के अध्यापन के साथ-साथ नैतिक व्यवहारिक सामाजिक परिवारिक शिक्षा का भी समावेश होना चाहिए जिससे बच्चा बड़ा होकर मजबूत व परिपक्व हो सके और बड़े छोटे को समझ सके कार्यक्रम की समापन की घोषणा व आभार प्रदर्शन शिक्षक श्री खोमन सिन्हा ने किया
कार्यक्रम में रहे उपस्थित
सरपंच श्री टिकेश साहू तेजराम साहू हरि साहू विजय कंडरा चुमेश वर्मा कमलेश साहू ढाला सिंग वर्मा
भानु निर्मलकर रामेश्वर साहू परदेसी निषाद हेमलाल साहू टोपेश साहू सुरेश सोनी तुलसीराम डिगेश्वर साहू यशवंत साहू ओम प्रकाश साहू खुमेश्वर अशोक चंपेश्वर जगन्नाथ ध्रुव घनश्याम कंवर लीलाराम मतावले मंदाकिनी साहू निरुपा निषाद शिक्षक खोमन सिन्हा रहे।