अंचल में अक्ति पर्व पर गुड्डे गुड़ियों की हुई शादी
- गरियाबंदछत्तीसगढ़
- April 24, 2023
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गरियाबंद। दर्रीपारा, कोसमी (द), खुर्सीपार में शनिवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर ग्रामीणों ने भगवान शिव और पार्वती का ब्याह रचाया, इस दौरान गुड्डे गुड़ियों के विवाह का लोगों ने खूब आनंद उठाया साथ ही क्षेत्र के आस-पास के गांव में विवाह की धूम रही,देर शाम तक बारातियों का आना-जाना लगा रहा,क्षेत्र के आसपास के गांव कोसमी द के बीच पारा एवं दर्रीपारा के दुर्गावती चौक स्थित रंगमंच तथा नवापारा में ग्रामीणों ने रीति रिवाज से गुड्डे गुड़ियों का विवाह संपन्न कराया, ग्रामीणों ने बताया कि इस तिथि को भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए गुड्डे-गुड़ियों को भगवान शिव और पार्वती का रूप मानकर पारंपरिक रीति-रिवाज से विवाह किया जाता है, ग्राम दर्रीपारा, कोसमी द एवं खुर्सीपार में यह विवाह का कार्यक्रम दो दिन तक चलता है, परंपरा के अनुसार यहां पर बाजे-गाजे के साथ तेल, हल्दी, चढ़ाव, मायन, मंडप आदि की व्यवस्था की जाती है, बारातियों को भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाया जाता है, इसके पश्चात बारातियों एवं ग्रामीणों को भोजन कराया जाता है,साथ ही गांव के सभी लोगों को लड्डू एवं मिठाईयां बांटी जाती है, उल्लेखनीय है कि अक्षय तृतीया को अक्ति लग्न कहा जाता है, हिंदू धर्म के मतानुसार इस तिथि में विवाह के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती, विवाह के लिए यह अत्यंत शुभ मुहूर्त माना जाता है, इसी के चलते क्षेत्र के आस-पास के गांव में कई शादियां संपन्न हुई, वहीं इस पर्व पर गुड्डे गुड़ियों के आयोजन की परंपरा अब धीरे-धीरे धूमिल होती जा रही है, खासतौर पर बच्चे इस कार्यक्रम से ज्यादा उत्साहित रहते थे, लेकिन आधुनिकता के इस युग में बच्चे पारंपरिक रीति-रिवाजों को छोड़कर टीवी, मोबाइल, वीडियो गेम आदि चीजों की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं, वहीं अक्ति लग्न के दिन गुड्डे गुड़ियों का विवाह कराना अत्यंत शुभ माना जाता है, आज भी अनेक गांव में यह परंपरा कायम है, इसी तिथि को ग्रामीण देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर खेतों में हल जोताई को श्रेयस्कर मानते हैं, लेकिन धीरे-धीरे बुजुर्गों द्वारा पुरातन से चली आ रही परंपरा शहरीकरण व हाईटेक के युग में समाप्त होते जा रहा है,
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