
गरियाबंद/छुरा। आपको बता दे कि इन दिनो अभी गर्मी का मौसम चल रहा है तापमान 40 सेंटीग्रेट अधिक चल रहे हैं लोगो को घर से निकलना दुभर हो रहा है मेहनत मजदुरी करने वाले सुबह से दोपहर तक अपना कार्य पूर्ण कर लेते हैं यही दिनचर्या बनी हुई है। गर्मी के मौसम आते ही शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न बीमारियां होने लगी हैं। गरियाबंद जिले के शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कथित तौर पर डॉक्टरो कहे जाने वाले झोलाछापों का जाल फैला है।
झोलाछाप डॉक्टरों कर रहे हैं जिला स्वास्थ्य विभाग से आंख मिचौली…
जिले भर हर चार से पांच गांव अंतराल में एक क्लीनिक के साथ मेडिकल संचालित कर रहा है। क्लीनिक के नाम पर एक टेबल-कुर्सी पर एक व्यक्ति बैठता है और मरीजों का इलाज करता है साथ ही मरीज के परिजन के बुलावे पर घर पहुंच इलाज करते हैं। क्लीनिक का नाम क्या है, इलाज करने वाले के पास मेडिकल में क्या डिग्री है, इलाज करने वाले व्यक्ति के क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन है या नहीं.. यह तो किसी को नहीं पता होता है।
इन झोलाछापों का इलाज जान पर भारी पड़ सकता है। झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा मरीजों का आर्थिक शोषण करने के साथ ही उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी से कार्रवाई नहीं
गौरतलब हो कि क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बिना किसी चिकित्सकीय पढ़ाई किए फर्जी चिकित्सक बिना किसी भय के अपनी क्लीनिक खोल कर इलाज कर रहे है और उनसे मनमानी फीस वसूल कर अपनी जेबों को भर रहे है। इसके अलावा झोलाछाप चिकित्सक अपनी क्लीनिक में बड़े बड़े बोर्ड लगाकर खुले आम प्रशासन को अंगूठा दिखा कर लोगों का इलाज कर रहे है। बिना डिग्री के इलाज कर रहे हैं। (RMP) यानि रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर का सर्टिफिकेट लिए 12वीं पास झोलाछाप डॉक्टर धड़ल्ले से एलोपैथी दवा और इंजेक्शन के जरिए लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। सस्ते इलाज के झांसे में आकर लोग भी अपनी जिंदगी दांव पर लगा रहे हैं। 15-20 सालों से इलाज कर रहे झोलाछाप डॉक्टर किसी कायदे कानून को भी नहीं मानते, उनके लिए डॉक्टरी के लिए किसी डिग्री की जरूरत नहीं। सिर्फ एक्सपीरियंस ही उनका सर्टिफिकेट हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के जिला के सभी विकास खण्ड अन्तर्गत कोने कोने ग्रामों के विभिन्न हिस्सों में झोला छाप चिकित्सक धड़ल्ले से अपनी क्लीनिक चला रहे हैं। यह चिकित्सक हर मर्ज का इलाज करने में अपने आप को एक्सपर्ट बताकर ग्रामीण व नगर वासियों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे है। यह सब भगवान भरोसे है।
क्या कहते जिम्मेदार अधिकारी
डा. गार्गी यदु पाल मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बीएमओ अपने ब्लॉक स्तर पर में शिकायत मिलते ही कार्यवाही करेगी। अभी हमारे जिला स्तर में एक टीम बनाए गए हैं जो इस तरह के शिकायतों पर जांच कर कार्यवाही करेगें अभी वर्तमान में कुछ दिन पहले फिंगेश्वर विकास खण्ड के अंतर्गत ग्राम बकली के हर्ष मल्टी स्पेशलिटी में टीम के द्वारा रेड किए जिसमें फर्जी डाक्टर नदारत रहें।
स्वास्थ्य अधिकारी कीर्तन साहु (बीएमओ) छुरा का कहना है कि अभी इस विषय में हमें कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर कार्यवाही की जाएगी।