2026 First Sunrise: दुनिया में नए साल की शुरुआत हो चुकी है! सबसे पहले 2026 का सूरज किरिबाती के किरीटीमाटी द्वीप पर उगा, जो दुनिया का पहला देश बन गया जिसने नए साल का स्वागत किया। इसके बाद न्यूजीलैंड के चैथम द्वीप पर भी नए साल का आगाज होगा। लेकिन सवाल यह उठता है कि ये जगहें सबसे पहले क्यों नए साल का स्वागत करती हैं और टाइम जोन का इसमें क्या महत्व है? जानिए, इन स्थानों का टाइम जोन सिस्टम कैसे काम करता है और क्यों वे सबसे पहले नए साल का अनुभव करते हैं।
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किरिबाती में 2026 का पहला सूरज
किरिबाती, जिसे किरिबास भी कहा जाता है, पैसिफिक ओशन में स्थित है और हवाई के दक्षिण तथा ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्व में फैला है. यह कई एटोल से बना द्वीप समूह है जिसकी लंबाई लगभग 4,000 किलोमीटर है. यहां भारत से 8 घंटे 30 मिनट पहले नया साल शुरू होता है. किरिबाती की आबादी करीब 1.16 लाख है और यह साउथ पैसिफिक के सबसे बड़े मरीन रिजर्व का घर है. हालांकि, ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ते समुद्र स्तर से ये द्वीप खतरे में हैं.

न्यूजीलैंड के चैथम द्वीप पर जश्न
किरिबाती के बाद न्यूजीलैंड के चैथम द्वीप पर नए साल का स्वागत हुआ. यहां लगभग 600 लोग रहते हैं. स्थानीय लोगों ने होटल चैथम में जश्न मनाया. हालांकि, सभी लोग आधी रात तक जाग नहीं पाए, लेकिन युवा लोग नए साल का पहला सूरज देखने के लिए उत्साहित रहे. इस दूर-दराज के द्वीप पर नए साल का स्वागत करना लोगों के लिए खास अनुभव है.
2026 First Sunrise: दुनिया ने किया नए साल का स्वागत, 2026 का पहला सूरज किरिबाती के किरीटीमाटी द्वीप पर
टाइम जोन का खेल
धरती हर 24 घंटे में 360 डिग्री घूमती है, यानी हर घंटे में 15 डिग्री. इसी आधार पर दुनिया को 24 टाइम जोन में बांटा गया है. यही वजह है कि कहीं सुबह होती है तो कहीं रात. टाइम जोन तय करते हैं कि किस देश में तारीख कब बदलेगी. भारत से पहले 29 देश नए साल का स्वागत करते हैं, जिनमें किरिबाती, समोआ, टोंगा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और नेपाल शामिल हैं.



