inclusive education गरियाबंद। जिले में समावेशी शिक्षा के तहत जिला मिशन समन्वयक, शिवेश शुक्ला ने जिले के सभी बीआरपी एवं एपीसी की बैठक लेकर स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान की विशेष पहल तेज़ी से स्क्रीनिंग करने और प्रत्येक बच्चे का विवरण UDISE पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि समग्र शिक्षा के तहत जिले के सभी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की व्यापक स्क्रीनिंग की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य है—किसी भी बच्चे को शिक्षा के अवसरों से वंचित न होने देना और उन्हें आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
समावेशी शिक्षा के लिए दिव्यांग बच्चों का चिन्हांकन महत्वपूर्ण कार्य

सभी बीआरसी, बीआरपी एवं स्कूल शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चों की सावधानीपूर्वक जाँच करें जैसे दृष्टि, श्रवण, शारीरिक गतिशीलता, बौद्धिक एवं सीखने संबंधी क्षमताएँ, व्यवहारिक एवं संज्ञानात्मक चुनौतियाँ आदि l जिन बच्चों में किसी भी प्रकार की विशेष आवश्यकता पाई जाती है, उनकी सूचना तुरंत UDISE+ में दर्ज की जानी चाहिए । यह डेटा आगे बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं—जैसे थेरपी, शिक्षण-सामग्री, सहायता उपकरण, होम-बेस्ड लर्निंग और परिवहन भत्ता उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। समय सीमा के भीतर 100 प्रतिशत एंट्री सुनिश्चित करने के लिए मॉनिटरिंग टीमें भी क्षेत्र में सक्रिय हैं। समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में यह कदम जिले के हर बच्चे को मुख्यधारा से जोड़ने का मजबूत प्रयास होगा।


