गरियाबंद। दिल्ली में चल रहे सरस मेला में छत्तीसगढ़ की महिला स्व-सहायता समूहों ने अपनी पहचान बनाई है। गरियाबंद जिले के ग्राम तर्रा की एमिन साहू ने अपनी मेहनत और हुनर से महज 9 दिनों में ₹1,59,170 की बिक्री कर प्रदेश का नाम रोशन किया है।
दिल्ली सरस मेला में छत्तीसगढ़ की पहचान
सरस मेले में छत्तीसगढ़ से जुड़े पारंपरिक उत्पादों को देशभर से आए लोगों द्वारा सराहा जा रहा है। एमिन साहू द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की लगातार बिक्री हो रही है और आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है।
प्रदेश में माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयास हो रहे हैं। बिहान योजना और स्व-सहायता समूहों की महिलाएं आज आत्मनिर्भरता की नई मिसाल गढ़ रही हैं।
इस उपलब्धि से गरियाबंद जिले का मान बढ़ा है और यह साबित हुआ है कि यदि अवसर और मंच मिले तो गांव की महिलाएं भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकती हैं।
सरस मेले में छत्तीसगढ़ से जुड़े पारंपरिक उत्पादों को देशभर से आए लोगों द्वारा सराहा जा रहा है। एमिन साहू द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की लगातार बिक्री हो रही है और आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है।
प्रदेश में माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयास हो रहे हैं। बिहान योजना और स्व-सहायता समूहों की महिलाएं आज आत्मनिर्भरता की नई मिसाल गढ़ रही हैं।
इस उपलब्धि से गरियाबंद जिले का मान बढ़ा है और यह साबित हुआ है कि यदि अवसर और मंच मिले तो गांव की महिलाएं भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकती हैं।