नई दिल्ली- ओलंपिक पदक विजेता और पहलवान सुशील कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को जूनियर पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले में सुशील कुमार को मिली जमानत रद्द कर दी और उन्हें एक हफ्ते के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया. यह मामला मई 2021 का है, जब दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में 23 वर्षीय जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की बेरहमी से पिटाई की गई थी. 5 मई 2021 की रात को हुए इस हमले में सागर को कथित तौर पर डंडों से बुरी तरह पीटा गया था, जिसके बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी.
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दिल्ली हाईकोर्ट से मिली थी जमानत
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुशील कुमार को इस मामले में जमानत दी थी. लेकिन सागर के पिता अशोक धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए यह जमानत रद्द करने की मांग की. उनका आरोप था कि सुशील कुमार न केवल एक गंभीर अपराध के आरोपी हैं, बल्कि उन्होंने पहले भी गवाहों पर दबाव बनाया है. अशोक धनखड़ का कहना है कि अब उनके परिवार पर समझौते के लिए दबाव डाला जा रहा है, जिससे मुकदमे की निष्पक्ष सुनवाई प्रभावित हो सकती है.
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सुप्रीम कोर्ट ने सभी तथ्यों और आरोपों पर विचार करने के बाद हाईकोर्ट का फैसला पलटते हुए कहा कि इतने गंभीर अपराध में आरोपित को जमानत पर बाहर रहना जांच और गवाहों की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है. अदालत ने स्पष्ट किया कि कानून के तहत निष्पक्ष और निर्भीक सुनवाई सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है.
7 दिन के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश
अब सुशील कुमार के पास केवल सात दिन का समय है, जिसके भीतर उन्हें पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना होगा. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही है. यह फैसला न केवल खेल जगत में सुर्खियां बटोर रहा है, बल्कि एक बार फिर इस बहुचर्चित हत्या मामले को केंद्र में ला खड़ा किया है.