क्या रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 3 साल से अधिक वक्त से चल रही जंग के रूकने का वक्त आ गया है? शुक्रवार को जब अमेरिकी राज्य अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक होगी तो सबकी निगाह इस अहम सवाल पर होगी. लेकिन इस अहम बैठक से पहले पुतिन ने कुछ ऐसा किया जिसने सबकी निगाह अपनी ओर खींच ली है. नॉर्थ कोरिया की सरकारी मीडिया के अनुसार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग को कॉल मिलाया और अलास्का शिखर सम्मेलन से कुछ दिन पहले ही इन दोनों देश, रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच सहयोग को मजबूत करने की कसम खाई.
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आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने कहा कि पुतिन और किम ने मंगलवार को “गर्मजोशी भरे माहौल” में फोन पर बात की और “भविष्य में सहयोग को मजबूत करने की अपनी इच्छा” की पुष्टि की.
केसीएनए ने यूक्रेन पर रूस के युद्ध में नॉर्थ कोरिया की भागीदारी का संदर्भ देते हुए कहा, पुतिन ने “कुर्स्क को आजाद कराने में कोरियाई पीपुल्स आर्मी के सेवा कर्मियों (जवानों) द्वारा दिखाए गए आत्म-बलिदान की भावना” की सराहना की. बदले में किम जोंग ने प्रतिज्ञा की कि नॉर्थ कोरिया “भविष्य में भी रूसी नेतृत्व द्वारा उठाए जाने वाले सभी उपायों (कदमों) का पूरा समर्थन करेगा”.
क्या अलास्का में निकलेगी शांति की राह?
उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप शुक्रवार को अलास्का में अपनी मुलाकात के दौरान रूस पर यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए दबाव डालेंगे.
रूस और नॉर्थ कोरिया ने हाल के वर्षों में गहरे संबंध बनाए हैं. नॉर्थ कोरिया यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियानों के लिए सैनिकों और हथियारों की आपूर्ति कर रहा है. दोनों देशों ने पिछले साल एक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जब पुतिन ने इस अपने आप में रहने वाले देश का दौरा किया था.
नॉर्थ कोरिया ने अप्रैल में पहली बार पुष्टि की कि उसने अपने सैनिकों की एक टुकड़ी को रूसी सैनिकों के साथ यूक्रेन में अग्रिम पंक्ति में तैनात किया है.