Sleeping 6 Hours Health Risks: नींद सिर्फ आराम का समय नहीं है, बल्कि यह शरीर और दिमाग की मरम्मत का सबसे जरूरी हिस्सा है. नींद हमारी पूरी बॉडी को रिपेयर करने का समय है. हाल ही में एक नई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जो लोग रोजाना सिर्फ 6 घंटे या उससे कम सोते हैं, उनमें दिल और दिमाग से जुड़ी बीमारियों का खतरा तीन गुना तक बढ़ सकता है. स्टडी में कहा गया कि ऐसे लोग पर्याप्त नींद लेने वालों के मुकाबले कम जीते हैं. आइए जानते हैं स्टडी में क्या कहा गया…
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क्या कहती है नई रिसर्च?
इस स्टडी में करीब 90,000 लोगों को 7 साल तक ट्रैक किया गया. सभी प्रतिभागियों ने फिटनेस ट्रैकर पहना था जिससे उनकी असली नींद का डेटा मिला. कई लोगों ने दावा किया कि वे 8 घंटे सोते हैं, लेकिन ट्रैकर से पता चला कि उनकी असली नींद सिर्फ 6 घंटे या उससे भी कम थी.
कम नींद के खतरे (Dangers of Less Sleep)
दिल की बीमारी: कम नींद से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है.
दिमागी समस्याएं: लगातार कम नींद लेने से याददाश्त कमजोर होती है और डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं.
किडनी और फेफड़ों पर असर: रिसर्च में पाया गया कि नींद की अनियमितता से किडनी फेलियर और COPD जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है.
मेटाबॉलिज्म गड़बड़ाना: नींद की कमी से शरीर में सूजन बढ़ती है, जिससे डायबिटीज और मोटापा जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
सिर्फ घंटों की गिनती नहीं, नियमितता भी जरूरी
रिसर्च में यह भी बताया गया कि सिर्फ 7–9 घंटे सोना काफी नहीं है. नींद का रूटीन नियमित होना चाहिए, यानी रोज एक ही समय पर सोना और उठना. अगर कभी देर रात सोते हैं, कभी जल्दी या बार-बार नींद टूटती है, तो इसका असर शरीर पर बहुत बुरा पड़ता है.
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डॉक्टरों की सलाह:
- रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की गहरी नींद लें.
- सोने का समय तय करें और उसमें बदलाव न करें.
- सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें.
- कैफीन और भारी भोजन से बचें.
नींद सिर्फ आराम नहीं, बल्कि सेहत की बुनियाद है. अगर आप रोजाना सिर्फ 6 घंटे या उससे कम सोते हैं, तो यह आपकी उम्र को कम कर सकता है और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है. इसलिए आज ही अपनी नींद की आदतों पर ध्यान दें और एक हेल्दी स्लीप रूटीन अपनाएं.