राजिम। गरियाबंद जिले के लगभग 50 वर्षों से लंबित पिपरछेड़ी जलाशय परियोजना को अब आखिरकार नई दिशा मिल गई है। राजिम विधायक रोहित साहू के निरंतर प्रयासों और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल से 84.94 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का आरंभिक प्रस्ताव वर्ष 1977 में हुआ था, जब तत्कालीन मध्यप्रदेश शासन द्वारा 29.99 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई थी। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद वर्ष 2003 में इसे पुनरीक्षित कर 9.65 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति मिली, लेकिन वन अधिनियम के कारण नहर और शीर्ष निर्माण कार्य ठप पड़ गया।
पिपरछेड़ी जलाशय परियोजना को मिली 85 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति
परियोजना का लगभग 85% कार्य पहले ही पूरा हो चुका था। हाल ही में छुरा ब्लॉक के ग्राम मड़ेली में आयोजित समाधान शिविर में विधायक रोहित साहू ने मुख्यमंत्री के समक्ष ग्रामीणों की भावनाएं रखते हुए इस परियोजना को पूर्ण कराने का अनुरोध किया था, जिसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गंभीरता से लिया और तत्पश्चात 85 करोड़ रुपये की घोषणा की गई।
प्रशासकीय स्वीकृति के बाद इस परियोजना से पिपरछेड़ी, खड़मा, मड़ेली, करकरा, रानी परतेवा, कोरासी, बिहावझोला एवं कुरेकेरा सहित कुल 8 गाँवों की 1558 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई का सीधा लाभ मिलेगा।
विधायक रोहित साहू ने जताया मुख्यमंत्री और मंत्रियों का आभार
विधायक रोहित साहू ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप एवं वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा,”हमारी सरकार किसानों की प्राथमिकता के आधार पर कार्य कर रही है। यह केवल वादों की सरकार नहीं, सुशासन और संकल्प की सरकार है। भाजपा सरकार में किसानों के वर्षों से चले आ रहे संघर्ष का समाधान संभव हुआ है।” इस परियोजना के पूरा होने से निश्चित रूप से क्षेत्र की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों की आय व खुशहाली में वृद्धि होगी।