सावन शिवरात्रि का हिंदू धर्म में खास महत्व है। शिवरात्रि वैसे हर साल 2 आता है, एक फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि पर और दूसरा सावन माह की चतुर्दशी तिथि पर पड़ती है। फाल्गुन शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा गया है वहीं, सावन की शिवरात्रि को शिवरात्रि का नाम दिया गया है। सावन में शिवरात्रि महत्व काफी बढ़ जाता है क्योंकि यह पूरा माह शिवजी को प्रिय है। इस दिन देश भर के शिवालयों में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने की होड़ मची रहती है। भक्तजन दूध-दही, जल, घी, शहद और गंगाजल से महादेव के अभिषेक करते हैं। मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर व्रत करने और शिवलिंग पर जलाभिषेकर करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और इच्छित फल मिलता है।
LIVE: विधानसभा मानसून सत्र का अंतिम दिन, प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी
4 पहर होती है पूजा
सावन शिवरात्रि के दिन भक्तजन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं, जिसमें जल,दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक होता है। शिव की पूजा रात्रि के चार पहर करने का विधान है। इस दिन शिव मंदिरों में विशेष मंत्रों का जप होता है जिससे महादेव प्रसन्न होते हैं। बता दें कि हर साल सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर सावन की शिवरात्रि मनाई जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सावन में कब है मासिक शिवरात्र…..
सावन की शिवरात्रि कब 23 या 24 जुलाई?
हिंदू पंचांग के मुताबिक, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का आरंभ 23 जुलाई की तड़के 04.39 बजे से होगा, जो दूसरे दिन 24 जुलाई की देर रात 02.28 बजे खत्म हो जाएगा। 23 जुलाई को शिव पूजा का समय निशित काल में देर रात 12.07 बजे से लेकर 12.48 बजे तक है।
CG News: होटल में महिला डॉक्टर के साथ रेप की कोशिश
शिवरात्रि के दिन बन रहे शुभ योग
ज्योतिषों की मानें तो सावन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है, इन योग में भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा की जानी चाहिए। इस शुभ दिन पर भद्रावास योग दोपहर 03.31 बजे तक है। वहीं, हर्षण योग का निर्माण दोपहर 12.35 बजे से हो रहा है।