Air India Flight Crash: एयर इंडिया की फ्लाइट 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आ चुकी है। क्रैश होने से पहले पायलटों की बातचीत का भी पता चला है। अमेरिकी मीडिया के द्वारा कॉकपिट रिकॉर्डिंग्स के हवाले से पायलट द्वारा इंजन के ईंधन सप्लाई को बंद किए जाने का दावा किया जा रहा है। हालांकि भारत ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है।
आपको बता दें कि अमेरिका की ब्लूमबर्ग और वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) जैसी मीडिया ने दावा किया है कि कैप्टन सुमित सभरवाल ने फ्यूल कंट्रोल स्विच को कटऑफ पोजीशन में डाल दिया था। हालांकि, भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने इस रिपोर्ट को गैर-जिम्मेदाराना और अप्रमाणित रिपोर्टिंग करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
WSJ और ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कैप्टन सुमित सभरवाल ने कथित तौर पर फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद किए। फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर ने आश्चर्य जताते हुए पूछा, “आपने कटऑफ क्यों किया?” कैप्टन ने इस पर शांत स्वर में जवाब दिया और जिम्मेदारी लेने से इनकार किया। रिपोर्ट यह स्पष्ट नहीं करती कि किसने वास्तव में स्विच को हिलाया था।
AAIB की प्रतिक्रिया
एएआईबी ने कहा कि अभी किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी है। प्रारंभिक रिपोर्ट का उद्देश्य सिर्फ यह बताना होता है कि क्या हुआ, क्यों हुआ। इसका निष्कर्ष अंतिम रिपोर्ट में आएगा। ब्लैक बॉक्स की ट्रांसक्रिप्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जाएगी। अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन नियमों के तहत यह प्रतिबंधित है।
एएआईबी के प्रमुख जीवीजी युगंधर ने कहा, “ट्रांसक्रिप्ट को सार्वजनिक करना ICAO प्रोटोकॉल के तहत वर्जित है। अंतिम रिपोर्ट में केवल प्रासंगिक अंश ही साझा किए जाएंगे।”
क्रैश होने से पहले क्या हुआ था?
प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों फ्यूल स्विच एक सेकंड के अंतराल पर बंद किए गए। 10 सेकंड के बाद “रन” स्थिति में लौटाए गए। विमान 32 सेकंड के भीतर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 241 यात्रियों सहित 260 लोगों की मौत हुई। स्विच की स्थिति विमान के सेंटर कंसोल पर होती है, जिसे अनजाने में हिलाना मुश्किल है। इसमें स्प्रिंग-लॉक और सुरक्षा कवच लगे होते हैं।
विशेषज्ञों और पायलट संगठनों की राय
मार्क मार्टिन ने कहा, “कॉकपिट रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक करना जरूरी है ताकि सच्चाई सामने आ सके और अटकलों पर विराम लगे।” वहीं, भारतयी पायलट फेडरेशन के अध्यक्ष सीएस रंधावा ने कहा, “अगर प्रारंभिक रिपोर्ट में कुछ महत्वपूर्ण अंश साझा किए गए होते, तो अटकलें रोकी जा सकती थीं।” ALPA इंडिया ने कहा, “पायलट प्रशिक्षित और जिम्मेदार पेशेवर होते हैं। AI 171 के क्रू ने अपनी आखिरी सांस तक यात्रियों को बचाने की कोशिश की। उन्हें सम्मान मिलना चाहिए, न कि बिना आधार की आलोचना।”