सर्वोच्च न्यायालय तथा बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली से प्राप्त निर्देशानुसार गरियाबंद उपजेल का निरीक्षण

गरियाबंद / माननीय सर्वोच्च न्यायालय तथा बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली से प्राप्त निर्देशानुसार जेलों में निवासरत बंदियों का उम्र सत्यापन किया जाता है। उम्र निर्धारण के संबंध में संदेह अथवा प्रक्रियागत त्रुटि के कारण बच्चे जेलों में निरुद्ध हो जाते हैं। जिनके उम्र का सत्यापन करने हेतु अधिवक्ताओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के पैनल को सम्मिलित कर जेलों का निरीक्षण प्रत्येक त्रैमास में किया जाता है। उक्त निर्देश के परिपालन में 30 दिसम्बर 2022 को जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री अशोक कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री अनिल द्विवेदी के समन्वय से उप जेल गरियाबंद का जेल निरीक्षण समिति में सुश्री शीला यादव (सामाजिक कार्यकर्ता) एवं श्री शरदचंद निषाद (एलसीपीओ) के द्वारा जेल निरीक्षण किया गया। इस दौरान जेल अधीक्षक व जेल प्रहरी निरीक्षण दौरान उपस्थित थे। निरीक्षण समिति द्वारा 07 बैरकों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण समिति द्वारा प्रत्येक बंदियों से मुलाकात कर उनके वास्तविक आयु की जानकारी ली गई। निरीक्षण के दौरान 01 बंदी ने अपनी आयु 18 वर्ष से कम होना बताया। जबकि 02 बंदियों ने अपने घर में निवासरत स्वयं के बालकांें का देखरेख करने वाला कोई नहीं है। जिस पर जेल निरीक्षण समिति के द्वारा अग्रिम कार्यवाही करने का निर्णय समिति द्वारा लिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *