छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती आज बड़े उत्साह से मनाई जा रही है, यह उनकी 395वीं जयंती

छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती आज बड़े उत्साह से मनाई जा रही है, यह उनकी 395वीं जयंती है जो उनके जीवन और कार्यों को याद करने का अवसर है 

गरियाबंद। केशव प्रभात शाखा के सभी स्वयंसेवकों ने आज शिशु वाटिका गरियाबंद में छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जन्म जयंती का आयोजन किया। इस अवसर पर मुख्यवक्ता श्री प्रकाश सोनी जी ने अपने विचार साझा किए। छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जन्म जयंती के इस अवसर पर सभी स्वयंसेवकों ने उनके जीवन और कार्यों को याद किया और उनकी वीरता और नेतृत्व क्षमता ।


छत्रपति शिवाजी महाराज जी एक महान योद्धा और रणनीतिकार थे जिन्होंने भारत में मराठा साम्राज्य की नीवं रखी थीं। उनका जन्म 19 फ़रवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था । उनके पिता का नाम शाहजी भोसलें और माता का नाम जीजाबाई था। शिवाजी जी ने कई सालों तक मुगलों के साथ युद्ध किया था और उन्हें छत्रपति की उपाधि प्रदान की गयी थीं।

शिवाजी महाराज ने अपनी सेना, सुसंगठित प्रशासन इकाईयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया था। उन्होंने भारतीय समाज के प्राचीन हिन्दू राजनैतिक प्रथाओं और मराठी एवं संस्कृत को राजाओं की भाषा शैली बनाया था ।

शिवाजी महाराज की धार्मिक नीति में मुसलमानों को धार्मिक आजादी थीं और उन्होंने कई मुसलमानों के मस्जिदों आदि के निर्माण कार्यो के लिये भी अनुदान देते थे । उन्होंने हिन्दू मूल्यों और शिक्षा पर भी जोर दिया था।

शिवाजी महाराज की मृत्यु 3 अप्रैल 1680 में हो गयी थी और उनके पुत्र संभाजी को राजगद्दी मिली।
छत्रपति शिवाजी महाराज जी एक महान मराठा योद्धा थे जिन्होंने मराठा साम्राज्य की स्थापना की और मुगल साम्राज्य के खिलाफ कई लड़ाइयाँ लड़ीं उनकी वीरता और नेतृत्व क्षमता नमन किया ने उन्हें भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। इस अवसर पर रामराज जी युवा संगठन गरियाबंद शामिल हुए।

 

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